भारत में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन शनिवार को वियतनाम पहुंचे। यहां हनोई में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन, अमेरिका-चीन संबंधों समेत कई अन्य मुद्दे पर खुलकर बात की। बाइडेन ने कहा कि न तो मैं चीन को अलग-थलग करना चाहता हूं और न ही चीन को कंट्रोल करना चाहता हूं। मैं यही चाहता हूं कि अमेरिका-चीन का रिश्ता सीधा हो। मैंने किसी भी अन्य वर्ल्ड लीडर की तुलना में सबसे अधिक समय चीनी राष्ट्रपति के साथ बिताया है। हम यहां बीजिंग से अलग होने नहीं आए हैं।
चीन को अलग-थलग करने पर बाइडेन का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पूछा था कि मैं क्वाड, यानी ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका का समूह क्यों बनाने जा रहा हूं? तब मैंने जवाब दिया था कि यह अस्थिरता बनाए रखने के लिए है। यह चीन को अलग-थलग करने के बारे में नहीं है। यह सड़क, हवाई क्षेत्र, समुद्र और अंतरिक्ष से लेकर हर चीज में अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने के लिए था। मुझे लगता है कि चीन अपने तरीके से काम कर रहा है। मैं चीन को आर्थिक रूप से सफल होते देखना चाहता हूं, लेकिन मैं उसे नियमों के अनुसार सफल होते देखना चाहता हूं।
पीएम मोदी के मेजबानी के कायल हुए बाइडेन
जी-20 की चर्चा करते हुए बाइडेन ने कहा कि यह उन देशों तक पहुंचने के लिए है, जिन्होंने बहुपक्षीय विकास, बैंक सुधार जैसे मुद्दों पर प्रगति की है। जो न तो गरीब हैं और न ही अमीर हैं। हमने एक अभूतपूर्व नई साझेदारी बनाई है, जो भारत को जोड़ेगी मध्य पूर्व के साथ यूरोप और इज़राइल के साथ परिवहन के साथ जोड़ेगा। हमने यूक्रेन में रूस के क्रूर और अवैध युद्ध पर भी चर्चा की है। मैं एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी को उनके नेतृत्व और जी 20 की मेजबानी और उनकी मेहमानवाजी के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं।