बहुचर्चित निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरी कर दिया। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की अदालत ने यह फैसला सुनाया। कई दिनों तक चली बहस के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी कांड के आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर व सुरिंदर कोली को फांसी की सजा के खिलाफ अपील पर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। फांसी की सजा के खिलाफ दोनों ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। विभिन्न खंडपीठों ने 134 दिन की लंबी सुनवाई की। आरोप संदेह से परे साबित न हो पाने के कारण निर्दोष करार देते हुए दोनों को बरी कर दिया गया है।
इससे पहले गाजियाबाद की CBI अदालत में इन दोनों आरोपियों पर लड़कियों के साथ दुष्कर्म और हत्या का आरोप तय करते हुए मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी। ज्ञात हो कि वर्ष 2006 नोएडा के निठारी में पंढेर की कोठी के पास नाले में नर कंकाल मिले थे। इसके बाद पुलिस ने जांच की तो कई बच्चों के अपहरण, हत्या और दुष्कर्म की कहानियां सामने आई थी। CBI ने इस मामले में 16 केस दर्ज किए थे। मनिंदर के नौकर कोली पर बच्चों की हत्या, अपहरण, दुष्कर्म और सबूत मिटाने का आरोप लगा था। जबकि पंढेर पर अनैतिक तस्करी का आरोप लगाया गया था।