मथुरा और वृन्दावन से लेकर पूरे उत्तर भारत में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसी मान्यताएं हैं कि श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। तभी से भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की परंपरा चली आ रही है। आपको बता दे कि देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा के प्रमुख मंदिरों में हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ी। जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जाती है।
इस दिन मंदिरों और घरों में सजावट की जाती है और श्रीकृष्ण के जीवन की झाकियां लगाई जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि जन्माष्टमी पर विधि पूर्वक पूजन करने से घर में सुख-शांति आती है और सफलता भी मिलती है। धार्मिक मान्यता है कि कृष्ण जी के बाल रूप का पूजन रात्रि में उनके जन्म के समय ही करना शुभ होता है। देश के विभिन्न क्षेत्रों में श्रद्धालु अलग-अलग तरह से इस इस त्योहार को मना रहे हैं।
बता दे कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में यह त्योहार विशेष तैयारियों के साथ मनाया जा रहा है। यहाँ श्रीकृष्ण मंदिर परिसर में भगवत भवन और लीला मंच पर कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में भक्त भाव-विभोर होकर थिरकते नजर आए।
वृन्दावन के तीन प्राचीन मन्दिरों राधारमण मन्दिर, राधादामोदर मन्दिर तथा गोकुलानन्द मन्दिर में दिन में ही ठाकुर जी का अभिषेक किया गया। वृन्दावन के शाह जी मन्दिर में भी जन्माष्टमी दिन में ही मनाई गई। राधारमण मन्दिर में आज श्रद्धालु उस समय भाव विभोर हो गए जब उन्होंने वैदिक मंत्रों, शंखध्वनि, घंटे, घड़ियाल के बीच 27 मन दूध, दही, बूरा, घी, शहद और विभिन्न औषधियों से ठाकुर का कई घंटे अभिषेक इस मन्दिर में देखा। अभिषेक के बाद चरणामृत को लेने के लिए श्रद्धालुओं की होड़ लग गई।
राष्ट्रीय राजधानी में जन्माष्टमी के मौके पर लक्ष्मी नारायण मंदिर, ईस्ट आफ कैलाश, पंजाबी बाग, रोहिणी और द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर, बद्री भगत झंडेवाला मंदिर, छतरपुर मंदिर, प्रीत विहार स्थित गुफा वाले मंदिर, आसफअली रोड स्थित श्रीराम हुनमान वाटिका मंदिर के अलावा अन्य मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया गया।
दिल्ली के इस्कॉन मंदिरों में पुजारियों ने तुलसी की आरती की, मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए, द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर में भक्तों के लिए मेटावर्स एक्सपीरियंस लॉन्च किया गया जिसके माध्यम से श्रद्धालु घर बैठे देवताओं के दर्शन और आरती कर सकते हैं। टेक्नोलॉजी के माध्यम से श्रद्धालुओं को एक तरह से वर्चुअल रियलिटी का अनुभव कराया गया।
नोएडा में इस्कॉन मंदिर में रंगारंग उत्सव देखने को मिला, राधा कृष्ण की मूर्तियों को फूलों की पंखुड़ियों और पत्तियों से सजाया गया और इस झांकी के दर्शन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
उत्तराखंड में बद्रीनाथ मंदिर को रंगों की रंगीन रोशनी से सजाया गया और भक्त पूजा करने के लिए भारी संख्या में एकत्र हुए।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी पत्नी गीता धामी देहरादून में पुलिस लाइन स्थित श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस महान पर्व का जश्न मनाने के लिए भगवान कृष्ण के भक्त कोलकाता के इस्कॉन मंदिर में भजनों की धुन पर नृत्य करते देखे गए।
जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों ने धार्मिक उत्साह और हर्षोल्लास के साथ जन्माष्टमी त्योहार के शुभ अवसर पर शोभा यात्रा निकाली।
मध्यप्रदेश में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर यहां श्री राधा कृष्ण मंदिर से शोभा यात्रा निकाली गयी, इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूजा-अर्चना की तथा भगवान श्रीकृष्ण की बाल गोपाल की प्रतिमा को शोभा यात्रा के लिए रथ में स्थापित किया।
बिहार की राजधानी पटना स्थित इस्कॉन मंदिर में भी जन्मोत्सव धूम धाम से मनाया रहा है। इस अवसर पर मंदिर और भगवान की सजावट के लिए मॉरीशस, थाईलैंड, कोलकाता और चेन्नई से फूल मंगाए गए हैं।