देश में एक के बाद एक मुद्दे सामने आ रहे हैं जिस कदर लोकसभा चुनाव चरम पर है उसी कदर विवादित बयान और विवादित मुद्दे देश की जनता को भटकाने का काम कर रहे हैं। जी हां इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की डेंगू मलेरिया जैसे बीमारियों से तुलना की। जिसपर मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे पप्रियांक खरगे ने समर्थन दिखाया। इसके बाद से ही इन दोनों की मुश्किलें बढ़ गई इतना ही नहीं बल्कि दोनों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ। जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बड़ा बयान सामने आया है जी हां पीएम मोदी ने g20 बैठक से पहले मंत्रिपरिषद की बैठक में कहा की दोनों के बयानों का अच्छे से जवाब देना होगा! मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पीएम मोदी कैसे बयान के बाद गठबंधन इंडिया की मुश्किलें बढ़ सकती है। इतना ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा है कि इंडिया और भारत विवाद में सत्ता पक्ष के मंत्रियों को इससे दूर रहना चाहिए।
उदयनिधि स्टालिन के बयान से बढ़ सकती है इंडिया गठबंधन की मुश्किलें
दरअसल उदय निधि स्टालिन का ही बयान तब सामने आया है जब देश के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जी हां हम बात कर रहे हैं राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की। उदय निधि स्टालिन एमके स्टालिन के बेटे हैं जो की इंडिया गठबंधन के सदस्य वही उदय निधि स्टालिन का समर्थन करने वाले प्रियंक खरगे भी मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे हैं जिनके कारण इंडिया गठबंधन की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ सकती है। बीजेपी के लिए बयान किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि इन बयानों के कारण बीजेपी को देश की जनता की तरफ से और आभार मिल सकता है।
इस विवादित बयान के बीच एक और ऐसा मुद्दा है जिसपर विपक्ष केंद्र सरकार को ताना मार रहा है। जहां एक तरफ उदय निधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर विवादित बयान दिया तो वहीं दूसरी ओर विपक्षीय आरोप लगा रहा है कि केंद्र सरकार भारत के नाम को बदलने की साजिश रच रही है लेकिन इस पर क्या सच्चाई है और क्या झूठ यह तो समय आने पर ही पता चलेगा क्योंकि 18 से 22 सितंबर के बीच विशेष सत्र की बैठक बुलाई जाने वाली है जिसमें कई मुद्दों पर बातचीत की जाएगी।