उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्नाव में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के नए परिसर की स्थापना को मंजूरी दे दी है, जो राज्य में उच्च शिक्षा को एक नई दिशा देगा। यह कदम छात्रों के लिए आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का द्वार खोलेगा, जिससे वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।
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उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने लखनऊ में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के निदेशक जय इंदर सिंह संधू को औपचारिक रूप से प्राधिकरण पत्र सौंपा। यह नया परिसर लखनऊ-कानपुर राजमार्ग पर स्थित होगा और 100 से अधिक एकड़ के क्षेत्र में फैला होगा। इस परिसर की स्थापना से छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की सुविधा मिलेगी, जो राज्य की शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाएगी। उपाध्याय ने कहा, "यह निर्णय उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के लिए एक नया अध्याय लिखेगा।"
जय इंदर सिंह संधू ने बताया कि नया परिसर अत्याधुनिक तकनीक और विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय का यह परिसर शिक्षा को एक नई दिशा देने का वादा करता है, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का व्यापक उपयोग किया जाएगा। यह परिसर ग्राउंड-ब्रेकिंग नवाचार की भावना को प्रज्वलित करने के लिए तैयार किया गया है, जो छात्रों को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाएगा। संधू ने कहा, "यह परिसर छात्रों के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा, जो उन्हें भविष्य के लिए तैयार करेगा।"
उन्नाव परिसर में छात्रों के लिए कई विविध धाराओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे। इनमें इंजीनियरिंग, व्यवसाय प्रबंधन, स्वास्थ्य विज्ञान और उदार कला जैसे विषय शामिल हैं। विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि यह न केवल छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करे, बल्कि उन्हें वास्तविक जीवन की समस्या-समाधान क्षमताएं भी विकसित करने में मदद करे।
संधू ने जानकारी दी कि इंजीनियरिंग में, उन्नाव परिसर कंप्यूटर एप्लीकेशन, सूचना प्रौद्योगिकी और संरचनात्मक इंजीनियरिंग जैसे विषयों में स्नातक और मास्टर पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। व्यवसाय प्रबंधन में, पाठ्यक्रमों में व्यवसाय प्रशासन, डिजिटल मार्केटिंग और फिनटेक जैसे आधुनिक विषय शामिल होंगे। स्वास्थ्य विज्ञान में, परिसर फार्मेसी, फिजियोथेरेपी और ऑप्टोमेट्री जैसे क्षेत्रों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करेगा।
इसके अलावा, उदार कला में मनोविज्ञान, कानून, और पत्रकारिता जैसे विषयों पर भी पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे। इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों को न केवल नौकरी चाहने वाले बल्कि भविष्य के नौकरी सृजक बनाने में मदद करना है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने इस निर्णय को क्रांतिकारी बताया। उन्होंने कहा, "यह न केवल छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक पहुँच प्रदान करेगा, बल्कि यह राज्य के शैक्षिक परिदृश्य में एक नया अध्याय भी लिखेगा। उन्नाव में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की स्थापना से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उच्च शिक्षा के मानकों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य के युवाओं के लिए बेहतर रोजगार के अवसर खुलेंगे।"
चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने 2012 में अपनी स्थापना के बाद से भारत में निजी विश्वविद्यालयों में शीर्ष रैंकिंग हासिल की है। यह विश्वविद्यालय अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी है, जिसके पास 2600 से अधिक पेटेंट दायर करने की उपलब्धि है। उन्नाव परिसर के साथ, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय अपने दृष्टिकोण को और भी विस्तारित करेगा, जिससे उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बनेगा।
इस प्रकार, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय का नया परिसर न केवल छात्रों के लिए नई संभावनाएं खोलेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में भी एक सकारात्मक बदलाव लाएगा, जो आने वाले वर्षों में राज्य के युवाओं के करियर को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में मदद करेगा।