आज पूरा देश भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडिल नेहरू के जन्मदिन के मौके पर बाल दिवस मना रहा है। इस दिन का उत्साह बच्चों के अंदर ख़ास तौर पर देखा जा रहा है। जहां स्कूल के बच्चे इस दिन को मनाने के लिए दिल्ली में मौजूद राष्ट्रपति भवन पहुंचे जहां उन्होंने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाक़ात की। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने बच्चों को किताबें पढ़ने की आदत अपनाने की सलाह दी, जिससे उनके व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव आएगा।
बच्चे देश का भविष्य हैं :राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हम अक्सर कहते हैं कि बच्चे देश का भविष्य हैं। इस भविष्य को सुरक्षित रखना और इसका उचित पालन-पोषण सुनिश्चित करना हम सभी का कर्तव्य है।उन्होंने कहा कि आज के बच्चों के पास तकनीक और ढेर सारी जानकारी और ज्ञान है। वे देश-विदेश में अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों की प्रतिभा को सही दिशा देना सभी की जिम्मेदारी है।"बच्चों में दूसरों के प्रति अधिक संवेदनशीलता होती है। वे दूसरों का दुःख देखकर दुखी हो जाते हैं और दूसरों को खुश देखकर वे खुश हो जाते हैं। बच्चों के इस गुण के कारण हम उन्हें बचपन से ही दूसरों की मदद करने और प्यार और सम्मान की भावना रखने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
बच्चों को स्वास्थ्य और पर्यावरण की स्वच्छता के बारे जगतरुक करना जरूरी : राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा बच्चों को स्वास्थ्य और पर्यावरण की स्वच्छता के बारे में जागरूक करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।राष्ट्रपति ने बच्चों से कहा कि अगर वे अपनी क्षमता को पहचानें और पूरी लगन और कड़ी मेहनत के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें, तो वे निश्चित रूप से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने उन्हें पढ़ने की आदत अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एक कहावत है- किताबें सबसे अच्छी दोस्त होती हैं. उन्होंने कहा कि अच्छी किताबें किसी के व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव लाती हैं।इसके अलावा, द्रौपदी मुर्मू ने बच्चों को महान हस्तियों की जीवनियां पढ़ने की भी सलाह दी, जिससे उन्हें प्रेरणा मिलेगी और चुनौतियों का सामना करने में भी मदद मिलेगी।