भारत

CM हेमंत सोरेन ने 1,500 शिक्षकों को दिए नियुक्ति पत्र

Desk News

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में 1,500 नवनियुक्त पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस मौके पर उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने अब तक 20,000 से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियों में नियुक्ति का पत्र सौंपा है। संगठित और असंगठित क्षेत्रों को मिला दें तो 60,000 से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। रोजगार, स्वरोजगार और नौकरी देने के लिए हम हरसंभव कदम उठा रहे हैं। हेमंत सोरेन ने भाजपा और सहयोगी दलों का नाम लिए बगैर कहा कि राज्य में इन्हीं लोगों ने सबसे अधिक समय तक राज किया। लेकिन, विकास और रोजगार के लिए उन्होंने कितना काम किया, इस पर हम डिबेट करने को तैयार हैं। हम अपने 5 साल का हिसाब देने के लिए तैयार हैं। उनके बड़े-बड़े षड्यंत्रों के बावजूद हमने राज्य का विकास किया।

  • सीएम सोरेन ने 1,500 नवनियुक्त पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए
  • इस मौके पर उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया

हमने राज्य में अफरा-तफरी नहीं मचने दी – हेमंत सोरेन

उन्होंने कहा कि आज देश के ज्यादातर हिस्सों में संसाधनों को कॉरपोरेट को सौंपा जा रहा है। निजीकरण का सिलसिला चल रहा है और इस वजह से नौकरियां कम हो रही हैं। केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से कई छोटे-मझोले उद्योग बंद हुए हैं और रोजगार के अवसर कम हुए हैं। एयरपोर्ट, रेल, उद्योग बेचे जा रहे हैं। सीएम ने कहा, "चाणक्य ने कहा था कि जिस देश का राजा व्यापारी होगा, उस देश की प्रजा हमेशा भिखारी होगी। आज देश की स्थिति कमोबेश यही है। जब हमने सत्ता संभाली तो दो साल तक कोविड की वजह से उत्पन्न चुनौतियों से जूझते रहे। उस दौरान भी हमने राज्य में अफरा-तफरी नहीं मचने दी। हमारे राज्य ने पूरे देश को ऑक्सीजन की सप्लाई दी। कोविड खत्म होने के बाद जब हमने काम करना शुरू किया तो हमारे विरोधियों ने हमारे खिलाफ साजिशें शुरू कर दी। अलग-अलग संस्थाओं की मदद से षड्यंत्र रचने लगे और हमें काम करने से रोकने की कोशिश की, लेकिन हम रुके नहीं। इनके षड्यंत्रों की वजह से मुझे 5 महीने जेल में रहना पड़ा।"

ये नेता समारोह के दौरान रहे मौजूद

उन्होंने रांची स्थित एचईसी की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र की उपेक्षा से उद्योगों की जननी के रूप में प्रसिद्ध रहा यह कारखाना बंद होने की कगार पर है। कभी यहां 30 से 35 हजार लोग काम करते थे और आज तीन हजार कर्मी भी नहीं हैं। अगर केंद्र सरकार इसे हमें सौंप दे तो हम इसे संवार लेंगे। हेमंत सोरेन ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया। आज एक्सीलेंट टीचर दे रहे हैं। आपसे यही उम्मीद है कि आने वाली पीढ़ी को इस तरह से तैयार करें कि उनका रिजल्ट एक्सीलेंट हों। शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम, वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव और श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने भी समारोह को संबोधित किया।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।