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कांग्रेस CEC की बैठक हुई खत्म, राहुल-प्रियंका की उम्मीदवारी पर खड़गे लेंगे फैसला

Shubham Kumar

Congress CEC on Raebareli and Amethi: वैसे तो लोकसभा चुनाव में कई हॉटसीट और अहम मानी जा रही है लेकिन बात जब अमेठी और रायबरेली की हो तो यह काफी चर्चा में बना हुआ है चूँकि कांग्रेस पार्टी में अमेठी और रायबरेली सीट को लेकर काफी दिनों से पेंच फंसा ही हुआ है। इसी को लेकर कांग्रेस पार्टी ने आज देर शाम CEC की बैठक रखी गयी थी और अब यह बैठक खत्म हो चुकी है।

Highlights:

  • कांग्रेस की रायबरेली और अमेठी सीट निर्णय बनाने के लिए कार्यकारिणी की बैठक हुई खत्म
  • कार्यकारिणी में शामिल सदस्यों ने राहुल और प्रियंका गाँधी का नाम आगे बढ़ाया है
  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस पर फैसला लेने के किया गया अधिकृत

रायबरेली और दरअसल , रायबरेली और अमेठी सीट को लेकर कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक खत्म हो चुकी है और कांग्रेस कार्यकारिणी में शामिल सदस्यों ने रायबरेली से प्रियंका गाँधी और अमेठी सीट से प्रियंका गाँधी का नाम आगे प्रस्तावित किया। अब इस बैठक में एक अहम फैसले के तहत मल्लिकार्जुन खड़गे को रायबरेली और अमेठी सीट को लेकर फैसला लेने के लिए अधिकृत किया गया है। हालाँकि अब तक इस पूरी तरह फैसला नहीं लिया जा सका।

हिमाचल,उत्तर प्रदेश और पंजाब के सीटों पर भी हुई मंथन

कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति मीटिंग में सोनिया गांधी, खरगे समते पार्टी के कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक आयोजित बैठक में हरियाणा की 1, पंजाब की 5, हिमाचल 2, यूपी 2 और लद्दाख की 1 सीट के लिए प्रत्याशियों के नाम पर भी मंथन हुई। जल्द ही इन सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है। इस बैठक में पंजाब कांग्रेस यूनिट के कई बड़े नेता भी शामिल हुए। दरअसल, यह बैठक काफी देर से शुरू हुई इस बैठक में यूपी की दो लोकसभा सीटों अमेठी और रायबरेली पर चर्चा के लिए प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे और यूपी में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा भी शामिल हुईं थी। खबर है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा 28 मार्च को अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी किया जा सकता है।

अमेठी-रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए क्यों है महत्वपूर्ण ?

अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस की कर्मभूमि मानी जाती है। भारत के सबसे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी भी इस सीट से निर्विचित हो चुकी हैं। वर्ष 2014 में राहुल गांधी इसी सीट से सांसद चुने गए। लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में यह सीट भाजपा के पास चला गया। बात रायबरेली सीट की करें तो ये भी कांग्रेस का गढ़ रही है। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी भी इसी निर्वाचन क्षेत्र से रही हैं. पांच बार सोनिया गांधी इसी सीट से सांसद के तौर चुनी जा चुकी है।