कांग्रेस ने रविवार को कहा कि जरूरत पड़ने पर सरकार को तिब्बत में 'बहुत खतरनाक' कृत्रिम झील बनने के मुद्दे पर चीन को अंतरराष्ट्रीय विवाद समाधान मंच पर लाना चाहिए। यह झील अरुणाचल प्रदेश के लिये खतरा हो सकती है। कांग्रेस ने रणनीतिक मुद्दों से निपटने के तरीकों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसकी राष्ट्रवाद और '56 इंच का सीना' वाली बातें खोखले नारे और दावे साबित हो रही हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने तिब्बत में यारलुंग सांगपो नदी पर बनी झील से अरुणाचल प्रदेश को खतरे का, लद्दाख के देपसांग इलाके में बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की मौजूदगी और कुछ भारतीय क्षेत्रों पर नेपाल के दावे का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को ऐसे गंभीर मुद्दों पर स्थिति साफ करनी चाहिए और इन्हें सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा, ''तिब्बत में यारलुंग सांगपो नदी पर अरुणाचल प्रदेश के ऊपर के क्षेत्र में एक बहुत खतरनाक कृत्रिम झील अस्तित्व में आई है।''
सिंघवी ने कहा कि इसे शक्तिशाली 'जल बम' कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा, ''मामूली सी दरार या जानबूझकर तोड़फोड़ से अरुणाचल प्रदेश और पूरे सियांग बेसिन में बाढ़ आ जाएगी।'' अधिकारियों ने कहा कि गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के बाद अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी घाटी क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में तिब्बत में कृत्रिम झील बनने के बारे में जानकारी दी है। सिंघवी ने हालांकि कहा कि सरकार को अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक स्तर पर और कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा, ''अगर जरूरत पड़ी तो चीन को अंतरराष्ट्रीय विवाद समाधान मंच पर लाना होगा।''