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Delhi High Cour: 6 भारतीय दवा कंपनियों को बैन, HC का फैसला

Aastha Paswan

Delhi High Cour: दिल्ली हाईकोर्ट ने जेनरिक दवा की ब्रिकी दवा पर रोक लगा दी है। दरअसल, कोर्ट ने कैंसर की जेनेरिक दवा पर रोक लगाई है। हाल ही में हाईकोर्ट ने 6 भारतीय दवा कंपनियों जिनमें नैटको फार्मा, हेटेरो, BR  फार्मा, शिल्पा मेडिकेयर, अल्केम और लॉरस लैब्स के दवा के जेनेरिक वर्जन पर रोक लगाई है।

Highlights

  • 6 भारतीय दवा कंपनियों को बैन
  • कैंसर की दवा इब्रुटिनिब पर लगी रोक
  • दिल्ली काईकोर्ट ने लिया फैसला

6 भारतीय दवा कंपनियों को बैन

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में ल्यूकेमिया यानि ब्लड कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा इब्रुटिनिब के जेनेरिक वर्जन पर रोक लगा दी है. ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि इसके पेटेंट के नियम का उल्लंघन किया जा रहा था। इसलिए 6 भारतीय दवा कंपनियों जिनमें नैटको फार्मा, हेटेरो, BR  फार्मा, शिल्पा मेडिकेयर, अल्केम और लॉरस लैब्स के दवा के जेनेरिक वर्जन पर रोक लगाई है। इस दवा के बैन के बाद लोगों का कहना है, कि मरीजों को अब सस्ती दवा नहीं मिल पाएगी। इब्रुटिनिब का पेटेंट अमेरिकी कंपनी एब्वी की को-कंपनी Pharmaceuticals के पास है। भारत में इस दवा की बिक्री जॉनसन एंड जॉनसन करती है।

कैंसर की दवा इब्रुटिनिब पर लगी रोक

कैंसर की दवा इब्रुटिनिब का पेटेंट साल 2026 तक का था। कैंसर की दवा का जेनरिक वर्जन को इम्ब्रुविका के registered trademark के अंतर्गत बेचा जा रहा था। न्यायाधीश हरिशंकर के मुताबिक कुछ दवा कंपनी बिना लाइंसेस के इब्रुटिनिब बनाकर बेच रही है। यह दवा कैंसर के साथ-साथ दूसरी बीमारियों में भी इस्तेमाल की जाती है। यह फैसला 6 मुकदमों के बाद लिया गया है। यह याचिका लॉरस लैब्स द्वारा दायर की गई एक पोस्ट-ग्रांट आवेदन में दायक की गई थी। हालांकि की दवा के जरूरत का ध्यान रखते हुए कंपनी के पास जो दवा का पहले से स्टॉक है उसे खत्म करने यानि बिक्री करने की अनुमति दी है। लेकिन यह शर्त रखी गई कि वह बिक्री का पूरा विवरण अदालत के सामने पेश करेंगे।

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