ED: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। ईडी की यह कार्रवाई पिछले सप्ताह दर्ज की गई राज्य लोकायुक्त एफआईआर के जवाब में की गई है, जिसमें सीएम और अन्य पर प्राधिकरण द्वारा भूमि आवंटन में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है।
कर्नाटक में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े हाई-प्रोफाइल घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने MUDA से जुड़े छह कर्मचारियों को पूछताछ के लिए तलब किया है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इन कर्मचारियों को पूछताछ के लिए अलग-अलग तारीखों पर बुलाया गया है। पूछताछ बेंगलुरु में ED के जोनल ऑफिस में होगी। जिन लोगों को बुलाया गया है, उन्हें मामले से जुड़े कई दस्तावेज भी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
ED के जांचकर्ता मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनसे जुड़े कई अधिकारियों से जुड़े सबूत और दस्तावेज जुटाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले महीने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। हाल ही में MUDA से संबंधित राज्य लोकायुक्त द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद कांग्रेस नेता मुश्किल में फंस गए हैं। एफआईआर में मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी बी.एम. पार्वती, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू का नाम शामिल है, जिनसे स्वामी ने जमीन खरीदी थी और बाद में पार्वती को उपहार में दे दी थी।
ईडी ने अपने मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों को लागू किया है, जिससे एजेंसी को पूछताछ के लिए व्यक्तियों को बुलाने और जांच के दौरान संपत्ति जब्त करने में सक्षम बनाया जा सके। सिद्धारमैया ने लगातार आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि उन्हें राजनीतिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। सिद्धारमैया ने कहा है कि वह सरकार के प्रमुख के रूप में अपना पद छोड़ने के लिए भाजपा की लगातार मांगों के बावजूद अपने पार्टी नेताओं के समर्थन से इस्तीफा नहीं देंगे
(Input From ANI)