चुनाव आयोग ने झारखंड में कई मतदान केंद्रों पर मतदान का समय एक घंटा घटाने के निर्णय के मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से लगाए गए आरोपों को निराधार और तथ्यहीन करार दिया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरोप लगाया था कि बीजेपी की मदद करने के लिए कई विधानसभा सीटों पर मतदान का समय कम किया गया है।
पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्र के मतदान केंद्रों को चिन्हित कर मतदान का समय कम कर दिया गया, क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में हम भारतीय जनता पार्टी से मजबूत हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने झामुमो के आरोपों के जवाब में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक हैंडल से बिंदुवार पक्ष रखा है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने लिखा है कि राज्य में कुल 29,562 मतदान केंद्र हैं, जिसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 24,520 और शहरी क्षेत्र में 5,042 मतदान केंद्र हैं। इनमें से नक्सल प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 981 मतदान केंद्र पर मतदान के लिए सुबह 7 से शाम 4 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। इन्हें छोड़कर बाकी 23,539 ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के मतदान केन्द्रों में मतदान का समय सुबह 7 से लेकर शाम 5 बजे तक है। इस तरह पूरे राज्य में मात्र तीन फीसदी मतदान केंद्र ऐसे हैं, जिनके नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थित होने के कारण मतदान का समय एक घंटे कम किया गया है।
आयोग की ओर से यह भी बताया गया है कि 2014 के विधानसभा चुनाव में 22,132 (89 प्रतिशत) और 2019 के विधानसभा चुनाव में 18,555 (63 प्रतिशत) मतदान केंद्रों पर मतदान का समय सुबह 7 से अपराह्न 3 बजे तक रखा गया था। इस बार मात्र तीन प्रतिशत मतदान केंद्रों पर सुबह 7 से लेकर शाम 4 बजे तक का समय तय किया गया है। यह आयोग के विशेष प्रयासों से ही संभव हुआ है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मतदान के लिए निर्धारित समय का मतदाताओं के बीच पर्याप्त प्रचार होता है। मतदान समाप्ति का समय कुछ भी हो, उस समय कतार में खड़े समस्त मतदाता को मतदान करने का पूर्ण अवसर मिलता है।