राजधानी दिल्ली में जल्द ही जी-20 शिखर सम्मेलन होने वाला है। इस दौरान दुनियाभर के नेता दिल्ली का रुख करने वाले हैं। इसी बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्र व्लादिमीर पुतिन इस समिट में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि कुछ कारणों की वजह से प्रमुख नहीं आ पाते हैं उनकी जगह उस देश के प्रतिनिधि अपनी बात रखते हैं।
मुझे लगता है कि हर कोई बहुत गंभीरता के साथ आ रहा है- जयशंकर
सूत्रों के मुताबिक, एस जयशंकर ने कहा- "मुझे लगता है कि G20 में अलग-अलग समय पर कुछ ऐसे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने कुछ कारणवश न आने का फैसला किया है लेकिन उस अवसर पर जो भी उस देश का प्रतिनिधि होता है, वह अपने देश और उसकी स्थिति को सामने रखता है।मुझे लगता है कि हर कोई बहुत गंभीरता के साथ आ रहा है."
"एस जयशंकर ने इससे पहले डायलॉग में कहा…..
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा, "समिट में कौन आ रहा है, कौन नहीं आ रहा है ये नहीं आ रहा। मुझे लगता है कि कोई भी देश अपनी स्थिति को दुनिया के सामने रखने की कोशिश करेगा। मुझे लगता है कि इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि वास्तव में बातचीत में क्या होता है."एस जयशंकर ने इससे पहले दूरदर्शन डायलॉग में बोलेत हुए कहा था, "आखिरी में देशों का प्रतिनिधित्व वही शख्स करता है जिसे चुना गया है, इसलिए प्रतिनिधित्व का स्तर किसी देश की स्थिति का अंतिम निर्धारक नहीं बनता है। इसलिए मैं कहूंगा कि इस बात पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय कि किस देश ने किस स्तर पर आना चुना, असली मुद्दा ये है कि जब वो आते हैं तो वे क्या स्थिति लेते हैं।