कपाट बंद होने से पहले विशेष पूजा-अर्चना
इन दोनों धामों में दीपोत्सव के साथ ही कपाट बंद होने से पहले विशेष पूजा-अर्चना का क्रम जारी है।धार्मिक परंपरा के अनुसार, अन्नकूट पर्व के अवसर पर शनिवार को दोपहर 12:14 बजे गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।कपाट बंद होने के बाद, गंगोत्री धाम से गंगा जी की उत्सव मूर्ति को डोली में बिठाकर मुखवा गांव लाया जाएगा। जहां शीतकाल में गंगा जी की उत्सव मूर्ति गंगा मंदिर में विराजमान रहेगी। मुखवा स्थित गंगा मंदिर में शीतकाल में श्रद्धालु दर्शन व पूजन कर सकेंगे। यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी रविवार 3 नवंबर को भैयादूज के पर्व पर दोपहर 12:05 बजे बंद कर दिए जाएंगे।
श्रद्धालु यमुना जी के दर्शन व पूजन कर सकेंगे
शीतकाल में यमुना जी की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान रहेगी। जहां शीतकाल में श्रद्धालु यमुना जी के दर्शन व पूजन कर सकेंगे। गंगोत्री मंदिर समिति व यमुनोत्री मंदिर समिति की ओर से कपाट बंद करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। गंगोत्री व यमुनोत्री मंदिरों में विशेष सजावट के साथ ही मुखवा व खरसाली स्थित मंदिरों को भी सजाया गया है। प्रशासन व पुलिस विभाग की ओर से भी कपाट बंद करने की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली गई हैं। इस यात्रा अवधि के दौरान आज शाम तक जिले में स्थित इन दोनों धामों में 1521752 तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं, जिनमें यमुनोत्री धाम जाने वाले 710210 तीर्थयात्री तथा गंगोत्री धाम जाने वाले 811542 तीर्थयात्री शामिल हैं।