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मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर चला सरकार का चाबुक, अब चुकाने होंगे 69 करोड़

Desk News

मध्य प्रदेश विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन अधिनियम 2017 का पालन नहीं करते हुए मनमानी फीस बढाकर मांगने वाले 10 स्कूलों को 69 करोड़ की राशि छात्रों को वापस करनी होगी। जिला समिति ने 10 स्कूलों को चेतावनी जारी कर एक महीने के भीतर मनमाने तरीके से वसूली गई फीस छात्रों को वापस करने के निर्देश जारी किए हैं। जिन स्कूलों को फीस वापस करनी हैं उनकी लिस्ट नीचे दी गई है

  • मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार का खास जोर शिक्षा व्यवस्था पर है
  • स्कूली शिक्षा से लेकर महाविद्यालयीन शिक्षा में सुधार लाने के प्रयास जारी हैं
  • मनमानी फीस मांगने वाले 10 स्कूलों को 69 करोड़ वापस करने होंगे

इन 10 स्कूलों को चेतावनी जारी

  • लिटिल वर्ल्ड स्कूल कटंगा- 18 करोड़ 38 लाख 77 हजार 634 रुपए
  • क्राइस्ट चर्च सीनियस सेकेन्डरी- 6 करोड़ 65 लाख 32 हजार 800 रुपए
  • क्राइस्ट चर्च कोएड सालीवाड़ा- 2 करोड़ 67 लाख 25 हजार 800 रुपए
  • क्राइस्ट चर्च आईसीएससी- 6 करोड़ 17 लाख 01 हजार 060 रुपए
  • क्राइस्ट चर्च स्कूल घमापुर- 2 करोड़ 72 लाख 66 हजार 980 रुपए
  • सेंट अलायसियस स्कूल पोलीपाथर-8 करोड़ 14 लाख 53 हजार 410 रुपए
  • सेंट अलायसियस स्कूल सदर- 9 करोड़ 10 लाख 03 हजार 020 रुपए
  • चौतन्य टेक्नो स्कूल- 4 करोड़ 6 लाख 33 हजार 650 रुपए
  • ज्ञानगंगा आर्केड इंटरनेशनल- 6 करोड़ 10 लाख 35 हजार 500 रुपए
  • स्टेमफील्ड स्कूल विजय नगर- 4 करोड़ 61 लाख 58 हजार 800 रुपए

प्राइवेट स्कूलों में होने वाली लूट पर लगाया जा रहा अंकुश

मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार का खास जोर शिक्षा व्यवस्था पर है। स्कूली शिक्षा से लेकर महाविद्यालयीन शिक्षा में सुधार लाने के प्रयास जारी हैं। वहीं दूसरी ओर निजी विद्यालयों में होने वाली लूट पर भी अंकुश लगाने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य में सरकारी से लेकर निजी स्कूलों तक की शिक्षा व्यवस्था हमेशा सवालों के घेरे में रहती है। वहीं महाविद्यालय की पढ़ाई लिखाई हमेशा सरकार के लिए चिंता का सबब रही है। सीएम मोहन यादव, शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे हैं और शिक्षा उनका पसंदीदा विषय भी माना जाता है।

CM मोहन का खास जोर शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने पर

राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर कमान संभालने के बाद मोहन यादव का खास जोर शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने पर है। वह स्कूल और कॉलेज की शिक्षा में बदलाव तथा सुधार लाने के प्रयास में जुटे हुए हैं। राज्य सरकार निजी विद्यालयों में होने वाली लूट पर भी रोक लगाने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। कई विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और जिन निजी विद्यालयों ने छात्रों से पुस्तक और फीस के नाम पर मनमानी वसूली की है। उन पर जुर्माना लगाने के अलावा प्रभावितों को रकम भी लौटाई जा रही है।

55 जिलों में PM कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की करेंगे शुरुआत

एक तरफ जहां स्कूली शिक्षा में सुधार के प्रयास हैं, वहीं राज्य सरकार 55 जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत करने जा रही है। ये सभी महाविद्यालय 14 जुलाई को एक साथ शुरू होंगे और देश के गृहमंत्री अमित शाह इनका शुभारंभ करेंगे। जानकारों का मानना है कि राज्य की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है। बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है और एक शिक्षक वाले विद्यालयों की भी संख्या कम नहीं है। इसके अलावा उच्च शिक्षा का भी हाल ठीक नहीं है। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में ड्रेस कोड लागू करने की बात हो रही है।

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