Gyanvapi mosque case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर आज दोपहर के भोजन के बाद दोपहर 2:30 बजे वाराणसी जिला न्यायालय में सुनवाई होगी। आज जिला न्यायालय यह तय करेगा कि ASI सर्वेक्षण रिपोर्ट पुलिस और वकीलों को दी जानी है या नहीं और ASI सर्वेक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक होगी या नहीं होगी। हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा, ज्ञानवापी का जो सर्वे ASI ने किया था, उसकी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई है। हमने कोर्ट से अपील की थी कि सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट न सौंपी जाए। पक्ष ने अपील की कि इसे सीलबंद लिफाफे में होना चाहिए और मामले की कार्यवाही गुप्त रूप से की जानी चाहिए क्योंकि यह एक संवेदनशील मामला है। अब कोर्ट आज तय करेगा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए या नहीं।
हिंदू पक्ष के एक वकील अनुपम द्विवेदी ने कहा, ASI टीम ने 92 दिनों तक ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण किया था। ASI द्वारा सर्वेक्षण रिपोर्ट बहुत भारी थी। उन्होंने रिपोर्ट को एक सीलबंद कवर में प्रस्तुत किया है। अंजुमनी ताजमिया ने कहा कि आवेदन दायर किया गया था और कहा गया था कि इसे गुप्त रखा जाना चाहिए, यह बंद कमरे की कार्यवाही नहीं है और न ही एक गुप्त कार्यवाही, इसलिए इसे जनता के सामने या किसी भी तरह से आने से रोका जाना चाहिए। वकील अनुपम द्विवेदी ने कहा, इसे रोकना सुप्रीम कोर्ट के फैसले के सार और सूचना के अधिकार के खिलाफ है। 21 दिसंबर को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने भी कोर्ट से कहा कि ASI रिपोर्ट किसी भी पक्ष को न दी जाए, जिस पर हिंदू पक्ष आपत्ति जता रहा है। हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त के अपने आदेश में कहा कि रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल नहीं की जाएगी।
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