भारत

कोरोना की बेकाबू रफ्तार के बीच बोले हर्षवर्धन- पिछले सात दिनों में 149 जिलों में नहीं आया कोई नया केस

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि एक सप्ताह में 149 जिलों में कोविड​​-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया है, जबकि आठ जिलों में एक पखवाड़े में कोई नया मामला सामने नहीं आया है।

Desk Team
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि एक सप्ताह में 149 जिलों में कोविड​​-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया है, जबकि आठ जिलों में एक पखवाड़े में कोई नया मामला सामने नहीं आया है। हालांकि देश में कोविड-19 के रिकार्ड 1.31 लाख नये मामले सामने आये हैं। हर्षवर्धन ने एक वीडियो लिंक के माध्यम से कोविड-19 पर उच्च स्तरीय मंत्रिसमूह (जीओएम) की 24वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि देश में शुक्रवार सुबह तक 9.43 करोड़ से अधिक टीके की खुराक दी गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को तीन करोड़ से अधिक टीके की खुराक दी गई हैं। हर्षवर्धन के हवाले से जारी एक बयान में कहा गया है, ''भारत ने 'वैक्सीन मैत्री' के जरिये वैश्विक समुदाय का भी समर्थन किया है, जिसके तहत कोविड-19 टीके की 6.45 करोड़ खुराक 85 देशों को भेजी गई हैं।'' उन्होंने कहा, ''वहीं वाणिज्यिक अनुबंध के तहत 25 देशों को 3.58 करोड़ खुराक की आपूर्ति की गई है, 44 देशों को 1.04 करोड़ खुराक अनुदान के तौर पर दी गई हैं जबकि 39 देशों को 1.82 करोड़ खुराक की आपूर्ति कोवैक्स तहत की गई है।''
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में बताया कि पिछले सात दिनों में 149 जिलों में कोविड​​-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि आठ जिलों में पिछले 14 दिनों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है, तीन जिलों में पिछले 21 दिनों में संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है और 63 जिलों में पिछले 28 दिनों में कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है।
कोविड-19 का पता लगाने के लिए की गई कुल जांच की संख्या के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ''हमने अब तक, 25,71,98,105 जांच की हैं, जिनमें से 13,64,205 जांच पिछले 24 घंटों में की गई। भारत में 2,449 प्रयोगशालाएं हैं जिनमें से 1,230 सरकारी हैं और 1,219 निजी हैं।'' हर्षवर्धन ने कहा कि भारत ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए अपने अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में काफी वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि 2,084 समर्पित कोविड अस्पतालों में 4,68,974 बिस्तर हैं, जिनमें से 89 केंद्र और 1,995 विभिन्न राज्यों द्वारा संचालित हैं।
बयान में कहा गया है कि 4.68 लाख कोविड बिस्तरों में से 2,63,573 पृथकवास बिस्तर हैं, 50,408 आईसीयू और 1,54,993 ऑक्सीजन-समर्थित बिस्तर हैं। बयान में कहा गया है कि 4,043 समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किये गए हैं जिनमें से 85 केंद्र द्वारा संचालित हैं जबकि 3,958 राज्यों द्वारा संचालित हैं। बयान के अनुसार इन कोविड स्वास्थ्य केंद्रों में 3,57,096 बिस्तर हैं, जिनमें से 2,31,462 पृथकवास बिस्तर हैं, 25,459 आईसीयू और 1,00,175 ऑक्सीजन-समर्थित बिस्तर हैं।
हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के मानक संचालन प्रक्रिया के प्रभावी अनुपालन के लिए सामूहिक प्रयासों पर नए सिरे से ध्यान देने और कोविड-उपयुक्त व्यवहार बनाए रखते हुए भारत मामलों में हाल में हुई वृद्धि को काबू में कर लेगा। कोविड-19 के अधिक मामलों वाले शीर्ष 11 राज्यों में कोरोना वायरस मामलों की स्थिति के बारे में एनसीडीसी के निदेशक सुजीत कुमार सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 8 अप्रैल तक भारत में सात दिन मामले की वृद्धि दर 12.93 प्रतिशत है और यह अमेरिका और ब्राजील के बाद है।
हालांकि, देश में प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों में औसत वृद्धि दर 5.37 प्रतिशत देखी जा रही थी, फिर भी राष्ट्रीय मृत्यु दर घटकर 1.28 प्रतिशत हो गई है। सिंह ने यह भी कहा कि मामलों में वृद्धि को देखते हुए ठीक होने की देश में ठीक होने की दर घटकर 91.22 प्रतिशत हो गई है। यह भी उल्लेखित किया गया कि कुल मामलों में से 54 प्रतिशत मामले और कुल मौतों में से 65 प्रतिशत मौतें 11 राज्यों से सामने आयी हैं। पिछले 14 दिनों के दौरान महाराष्ट्र और पंजाब में होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है।
कोविड-19 के अधिक मामलों वाले 11 राज्यों में, अधिकांश मामले 15 से 44 वर्ष आयुवर्ग में सामने आ रहे हैं और अधिकतर मौतें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में हुई हैं। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने टीकाकरण के संबंध में जनसंख्या प्राथमिकता के बारे में वैश्विक रुख के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि केंद्र का कोविड टीकाकरण के लिए प्राथमिकता निर्धारण इसी रुख से निर्देशित है।
पॉल ने मौजूदा टीकों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी विस्तृत प्रयासों को रेखांकित किया। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया, और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे शामिल थे।