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उत्तराखंड में बारिश से हाहाकार, केदारनाथ में एयरलिफ्ट हुए 51 लोग, PM मोदी ने ली अपडेट

Desk News

उत्तराखंड में भारी बारिश और आपदा से उत्पन्न स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर रखे हुए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पूरी स्थिति की जानकारी ली है। रेस्क्यू के लिए एयर फोर्स का चिनूक MI 17 रवाना किया गया है। तीन टैंकर ATF की मदद भी भेजी गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर PMO ने हर संभव मदद का भरोसा दिया है। इसके साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी स्थिति की जानकारी ली है। मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों के साथ स्थिति का अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर मौके पर प्रभावितों को हर संभव सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए SDRF ने देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।

  • उत्तराखंड में बारिश और आपदा से उत्पन्न स्थिति पर PM मोदी नजर रखे हुए हैं
  • प्रधानमंत्री कार्यालय ने पूरी स्थिति की जानकारी ली है
  • रेस्क्यू के लिए एयर फोर्स का चिनूक MI 17 रवाना किया गया है

2200 से अधिक यात्रियों को निकाला गया

मुनकटिया क्षेत्र से देर रात 450 यात्रियों को सकुशल सोनप्रयाग पहुंचाया। अभी तक 2200 से अधिक यात्रियों को निकाला जा चुका है। आज भी रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी रहेगा। वहीं केदारनाथ में फंसे मध्य प्रदेश के 51 लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित निकाला गया है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि चारधाम की यात्रा के दौरान केदारनाथ में फंसे राज्य के 61 में से 51 यात्रियों को एयरलिफ्ट करके सुरक्षित रुद्रप्रयाग पहुंचाया गया है।

बाकी बचे 10 यात्री केदारनाथ में ही सुरक्षित

CM ने आगे कहा कि बाकी बचे 10 यात्री केदारनाथ में ही सुरक्षित जगह पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार, शिवपुरी के बदरवास क्षेत्र के कुल 61 लोग एक बस तथा अन्य चार पहिया वाहन लेकर केदारनाथ दर्शन के लिए गए थे। यह सभी भूस्खलन के कारण वहां फंस गए। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड सरकार से संपर्क कर उन्हें एयरलिफ्ट कराया। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि किसी भी यात्री को कोई परेशानी न हो। धार्मिक यात्रा के दौरान वर्षा जनित कठिनाइयों के कारण यह घटना हुई है, सभी यात्री ठीक हैं। केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन के चौथे दिन शुक्रवार को बचावकर्मियों की 40 टीम ने बारिश और प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच तलाश एवं बचाव अभियान शुरू किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि 190 फुट लंबे 'बेली ब्रिज' का निर्माण पूरा होने से बचाव अभियान में तेजी आई है। इस पुल के रास्ते उत्खनन मशीनों सहित भारी मशीनें और एम्बुलेंस मुंडक्कई और चूरलमाला तक पहुंच पाएंगी। बचावकर्मियों की 40 टीम भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के छह जोन अट्टामाला और आरणमाला, मुंडक्कई, पुंचिरिमट्टम,वेल्लारीमाला गांव, GVHSS वेल्लारीमाला में पीड़ितों की तलाश करेंगी।

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