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4 साल से रेप की सजा काट रहा था बेकसूर युवक, अब लड़की को कोर्ट ने 1653 दिन के लिए भेजा जेल

Desk News

उत्तर प्रदेश की बरेली कोर्ट ने एक अनोखा फैसला लेते हुए लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। दरअसल यहां कुछ वर्षों पहले एक युवक पर नाबालिग को फुसलाकर रेप करने के आरोप लगे थे। मामले में युवक को जेल भेजा गया था। वह युवक लगभग साढ़े चार साल से जेल में बंद था। इतना समय जेल में गुजरने के बाद अचानक मामले में एक नया मोड़ आया, जिसमें युवक बेकसूर साबित हुआ। मामले में जिस ने झूठा बयान दर्ज कराया उसको भी कोर्ट ने उतने ही दिन की सजा सुनाई है जितने दिन युवक ने जेल में काटे थे। युवक पर आरोप लगाया गया कि एक नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाया गया जिसके बाद उसे नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ रेप जैसे अपराध को अंजाम दिया गया। इस बयान को अदालत में देकर युवक को झूठे केस में फसांकर जेल भेजने वाली महिला के खिलाफ कोर्ट ने 600000 का अर्थ दंड लगाकर उसको उतने ही दिन जेल में रहने की सजा सुनाई है जितने दिन बेकसूर युवक जेल में रहा है। दरअसल साल 2019 में एक महिला ने अपनी बेटी को बहला कर दिल्ली ले जाने के बाद उसके साथ रेप की घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया था।

  • कुछ वर्षों पहले एक युवक पर नाबालिग को फुसलाकर रेप करने के आरोप लगे थे
  • मामले में युवक को जेल भेजा गया था वह लगभग साढ़े चार साल से जेल में बंद था
  • अचानक मामले में एक नया मोड़ आया, जिसमें युवक बेकसूर साबित हुआ
  • झूठा बयान दर्ज कराने वाली को कोर्ट ने सुनाई सजा

कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

मामले में सुनवाई के समय पीड़ित लड़की ने कोर्ट में युवक के खिलाफ बयान दर्ज कराया। जिसके बाद युवक को सजा हुई और फिर उसके कुछ सालों बाद युवती अपने बयानों से मुकर गई। मामले में कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा कि, जितने दिनों तक एक बेकसूर युवक जेल में रहा उतने ही दिन यह झूठा बयान दर्ज कराने वाली महिला जेल में रहेगी। रेप का झूठा आरोप लगाने वाली महिला ने 2 दिसंबर 2019 को बरेली के बारादरी थाना में FIR दर्ज कराई थी जिसमें युवक पर आरोप था की उसने महिला की 15 साल की नाबालिक बेटी को बहकाकर और उसे नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ रेप जैसे जघन्य अपराध को अंजाम दिया है। मामले में एक्शन लेते हुए पुलिस ने युवक को जेल भेज दिया और मामला कोर्ट में तक पहुंच गया।

अपने ही बयानों से मुकरी महिला

मामला कोर्ट में विचाराधीन बना रहा तब से आरोपी अजय उर्फ राघव 1653 दिन तक सलाखों के पीछे कैद रहा। इस मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता सुनील पांडे ने बताया है कि, मामले में सुनवाई के दौरान पीड़ित ने पहले 164 बयानों में यह दर्ज कराया की आरोपी बहलाकर दिल्ली ले गया और वहां उसने कुछ नशीला पदार्थ उसे खिला कर उसके साथ दुष्कर्म किया। लेकिन मामले की सुनवाई होने पर पीड़िता अपने पहले दर्ज कराये गए बयानों से मुकर गई उसने कोर्ट में अपने बयानों को गलत बताते हुए रेप को झूठा बताया।

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