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जी-20 समिट में रूस-चीन के राष्ट्रपति के शामिल न होने पर जयशंकर बड़ा बयान, कहा- ‘फर्क नहीं पड़ता’

Hemendra Singh
भारत में इस बार जी-20 को लेकर अनेक तैयारी चल रही है। जी हां भारत इस बार जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है और यह बैठक राजधानी नई दिल्ली में 8 सितंबर से 10 सितंबर के बीच होने वाली है। भारत पहली बार इस तरह के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा। लेकिन भारत में होने वाले इस G-20 सम्मलेन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नहीं आ रहे।  जहां इस में रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करने वाले हैं।  तो वहीँ चीन के प्रधानमन्त्री इसका हिस्सा बनेंगे।  
क्या कहा विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ? 
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत ना आने को लेकर  भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का एक बड़ा बयान सामने आया है।  जिसमें कहा है कि ऐसा पहली बार नहीं  हुआ जब  जी-20 में कोई राष्ट्राध्यक्ष न पहुंचा हो। बल्कि इससे पहले भी ऐसे कई मौके आ चुके हैं, जिसमें राष्ट्राध्यक्षों ने बैठकों से दर किनारा कर लिया हो। जयशंकर ने आगे कहा की  "अलग-अलग समय पर जी-20 बैठक के दौरान कोई न कोई में राष्ट्रपति या देश के प्रधानमंत्री मौजुद रहे हैं, जो किसी कारण बैठकों में शामिल नहीं हो पाए। इससे इतना फर्क नहीं पड़ता। बल्कि मायने तो ये  रखता है कि उस देश का पक्ष और स्थिति किस प्रकार का है, और फिर वो अपने देश से किसी न किसी प्रतिनिधि को भेजते ही हैं।  
रूस-यूक्रेन युद्ध पर विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया बड़ा बयान 
बता दें की इस इंटरव्यू के दौरान विदेश मंत्री से रूस और यूक्रेन के युद्ध के बारे में भी सवाल किया गया।  उनसे पूछा गया की रूस के विदेश मंत्री चाहते हैं की इस युद्ध को G-20 बैठक के दौरान हो रहे भाषण में लाया जाए। तो क्या बैठक से पहले विरोध प्रदर्शन देखने को मिलेगा ?  इस सवाल पर जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा की  "आप इसे ऐसे ही चित्रित कर सकते हैं  लेकिन व्यक्तित्व से मेरे लिए कोई भी देश अपनी राष्ट्रीय स्थिति को सामने रखने की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा की मुझे लगता है कि आपको अभी इस वक़्त इंतजार करना चाहिए और यह देखना चाहिए कि बातचीत में आखिरकार होता क्या है?