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आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कथित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा तलब किए जाने के बाद कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार की आलोचना की और पीएमएलए के दुरुपयोग के लिए अदालतों से सचेत होने का आग्रह किया। केजरीवाल से पहले आप सांसद संजय सिंह, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ED और CBI की जाँच हुई थी और फिलहाल वो जेल में बंद हैं।
पीएमएलए के ज़बरदस्त दुरुपयोग : सिब्बल
कथित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तलब किए जाने के बाद दिग्गज नेता और जाने-माने वकील कपिल सिब्बल ने बुधवार को केंद्र की आलोचना की और अदालतों से पीएमएलए के खुलेआम दुरुपयोग के प्रति सचेत होने का आग्रह किया।एक्स पर एक पोस्ट में सिब्बल ने कहा, केजरीवाल को ईडी ने तलब किया है। ईडी विपक्ष में लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को निशाना बना रही है।उन्होंने कहा, अदालतों के लिए पीएमएलए के ज़बरदस्त दुरुपयोग के प्रति जागने का समय आ गया है।उनकी यह टिप्पणी ईडी द्वारा केजरीवाल, जो आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं, को कथित उत्पाद शुल्क नीति मामले में पहली बार 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद आई है।
ED सरकार के हाथ में राजनीतिक हथियार : सिब्बल
उन्होंने कहा कि ईडी और नेताओं को जमानत न देना सरकार के हाथ में राजनीतिक हथियार बन गया है।सुप्रीम कोर्ट ने भी सोमवार को इसी मामले में आप नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। ईडी ने मामले के सिलसिले में अक्टूबर में आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया था।ईडी ने इस सप्ताह की शुरुआत में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत से भी फेमा मामले में पूछताछ की थी।एजेंसी ने पिछले सप्ताह राजस्थान में कथित पेपर लीक मामले में राज्य कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा से जुड़े परिसरों सहित कई स्थानों पर तलाशी ली थी।