Manipur Violence: मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में रविवार को उग्रवादियों के हमले में एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ लोग घायल हुआ है। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है वहीं जख्मी लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। साथ ही सुरक्षाबलों ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस ने मामले की दी जानकारी
मणिपुर के पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने बताया कि भारी हथियारों से लैस उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से अंधाधुंध गोलीबारी की और इंफाल पश्चिम जिले के अंतर्गत कोत्रुक और पड़ोसी कडांगबंद के निचले घाटी इलाकों में बम भी फेंके। इस गोलीबारी में 31 वर्षीय महिला और एक ग्रामीण की मौत हो गई, जबकि महिला की आठ वर्षीय बेटी और एक पुलिस अधिकारी समेत नौ अन्य लोग घायल हो गए। अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों के अचानक हमले से तनाव और दहशत फैल गई। इसके कारण महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत कई ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए भाग गए।
तलाशी अभियान जारी
हमले में मारी गई मैतेई समुदाय की महिला की पहचान नगांगबाम सुरबाला देवी के रूप में हुई। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस) ले जाया गया। महिला की बेटी, पुलिस अधिकारी एन. रॉबर्ट (30) और अन्य घायलों को भी आरआईएमएस और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जब गोलीबारी शुरू हुई तो महिला और अन्य लोग अपने घरों में थे। गोलीबारी और बम हमलों में कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गए। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों की एक बड़ी टुकड़ी राज्य बलों के साथ इलाके में पहुंची और उग्रवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया।
मणिपुर गृह विभाग ने जारी किया बयान
उग्रवादियों के हमले के तुरंत बाद मणिपुर गृह विभाग ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार को रविवार को ड्रोन, बम और कई अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग करके निहत्थे कोत्रुक ग्रामीणों पर हमले की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में पता चला है। इसमें कहा गया है कि कुकी उग्रवादियों ने दो लोगों की जान ले ली और कई लोगों को घायल कर दिया। निहत्थे ग्रामीणों पर आतंक फैलाने के ऐसे कृत्यों को सरकार बहुत गंभीरता से लेती है, जबकि राज्य सरकार राज्य में सामान्य स्थिति और शांति लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
गृह विभाग के बयान में कहा गया है कि कुकी उग्रवादियों द्वारा निहत्थे ग्रामीणों के बीच उत्पात मचाने की ऐसी हरकत को राज्य सरकार द्वारा राज्य में शांति स्थापित करने के प्रयासों को पटरी से उतारने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही कहा गया है कि इस तरह के कृत्यों की कड़ी निंदा की जाती है।
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