बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने बुधवार को बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्घांजलि दी। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर सवाल उठाए हैं।
HIGHLIGHTS
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आंबेडकर के 67वें 'परिनिर्वाण दिवस' पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा व देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को आज उनके 'परिनिर्वाण दिवस' पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित। उन्होंने आगे लिखा, देश के 81 करोड़ से अधिक ग़रीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज का जीवन बना देने जैसी दुर्दशा ना यह आज़ादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद।
पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा, देश में रोटी-रोजी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं पर खर्चा रुपया होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिन्तनीय है, जबकि संविधान को सही से लागू कर उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी। ज्ञात हो कि गरीब कल्याण अन्न योजना को एक जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जाएगा। अंत्योदय परिवारों को प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न वितरित किया जाएगा। योजना से 81 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। आगामी पांच वर्षों में योजना पर 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक व्यय किया जाएगा। इस योजना की शुरुआत कोविड 19 महामारी के दौरान की गई थी।
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