मिथुन चक्रवर्ती : दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर ये महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा, 'मिथुन दा की उल्लेखनीय सिनेमाई यात्रा पीढ़ियों को प्रेरित करती है।' पुरस्कार 8 अक्टूबर, 2024 को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा।
- मिथुन चक्रवर्ती 'दादा साहब फाल्के पुरस्कार' से होंगे सम्मानित
- 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में सम्मानित होंगे
- दादा साहब फाल्के पुरस्कार की घोषणा
पीएम मोदी ने मिथुन चक्रवर्ती को इस सम्मान के लिए दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मिथुन चक्रवर्ती को इस सम्मान के लिए बधाई दी। उन्होंने लिखा, 'खुशी है कि मिथुन चक्रवर्ती को इंडियन सिनेमा में दिए गए अद्वितीय योगदान के लिए दादा साहेब अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है।' मिथुन दा ने इस सम्मान पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की समझ नहीं है कि वे इस सम्मान को कैसे व्यक्त करें, और उन्होंने इसे अपने परिवार और दुनियाभर के फैंस को समर्पित किया।
बता दें कि, 74 वर्षीय मिथुन चक्रवर्ती का हिंदी सिनेमा में लगभग 48 साल का सफल करियर है, और वह आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं। उन्होंने अपनी शुरुआत 1976 में 'दो अनजाने' फिल्म से की थी और 1977 में 'मृगया' से लीड रोल में पहचान बनाई। उन्हें इस पहली फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला, जिससे उनका नाम ऐसे सितारों की सूची में जुड़ गया जो अपनी पहली फिल्म के लिए यह सम्मान प्राप्त कर चुके हैं।
मिथुन चक्रवर्ती की पहचान मुख्य रूप से 1982 में आई फिल्म 'डिस्को डांसर' से बनी, जिसने न केवल भारत में बल्कि एशिया, सोवियत संघ, और मध्य पूर्व में भी धमाल मचाया। इस फिल्म ने उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। उनके सफल करियर में 'अग्निपथ', 'ओह माय गॉड', 'मुझे इन्साफ चाहिए', और 'घर एक मंदिर' जैसी कई हिट फिल्में शामिल हैं।
पुरस्कार 8 अक्टूबर, 2024 को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा
मिथुन चक्रवर्ती का सफर कोलकाता की गलियों से लेकर बॉलीवुड के डिस्को डांसर तक का रहा है, जो आसान नहीं था। उन्होंने सिनेमा की ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया। हाल ही में, उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था, जिसे उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से स्वीकार किया। मिथुन चक्रवर्ती का यह सम्मान उनके समर्पण और भारतीय सिनेमा में योगदान का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।