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विशेष सत्र बैठक में इस बिल पर मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी, संसद में आज होगा पेश

Desk Team

संसद में 18 से लेकर 22 सितंबर के बीच 5 दिन के लिए विशेष सत्र बैठक चलने वाली है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही कर रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि इस बैठक के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने की ये चर्चा जोरों शोरों से हो रही है। सोमवार यानि विशेष सत्र बैठक के पहले दिन ही मोदी सरकार द्वारा ही आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी गई । जिसके बाद लोगों के बीच कई इस सवाल उमड़कर आ रहे हैं इसमें एक सवाल यह भी है कि आखिरकार महिला आरक्षण बिल है क्या? जिसके लिए सरकार ने 5 दिन की बैठक बुला ली। आपको जानकर हैरानी होगी कि 27 साल से भी ज्यादा महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने की मांग चल रही थी इतना ही नहीं बल्कि विशेष सत्र से पहले सर्व दलीय बैठक भी की गई थी कि अगर यह बिल पास हो जाता है तो सांसद और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिल जाएगा।

क्या है महिला आरक्षण बिल?

  • लेकिन अब सवाल तो यह उठता है कि आखिरकार महिला आरक्षण बिल है क्या और सरकार इसको लाना ही क्यों चाहती है ? तो सबसे पहले हम आपको बता दे कि हमारा संविधान समानता की बात करता है। वह कहता है कि हर धर्म हर जाति और हर व्यक्ति एकसमान है। अगर महिला आरक्षण विधेयक की बात करें तो संसद और राज्यों की विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटों को आरक्षित करने के लिए सरकार कोशिश कर रही है।
  • इस बिल के मुताबिक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से 33 फीसदी सीटों को एससी- एसटी समुदाय से आने वाली महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा इन आरक्षित सीटों को राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग क्षेत्र में रोटेशन के हिसाब से आवंटित किया जाएगा।
  • इस बिल के अनुसार महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण 15 सालों के लिए हो जाएगा।