मध्य प्रदेश के सागर जिले के बरोदिया नोनागिर गांव में दलित हत्याकांड के बाद CM मोहन यादव पीड़ित परिवार के बीच पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी, साथ ही गांव में पुलिस चौकी खोलने का भरोसा दिलाया और आर्थिक सहायता का ऐलान किया। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बुधवार को बरोदिया नोनागिर गांव पहुंचे और उन्होंने राजेंद्र अहिरवार के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी और सहानुभूति व्यक्त की। गांव में आपसी समन्वय तथा सामंजस्य पर भी जोर दिया।
उन्होंने गांव में पुलिस चौकी की व्यवस्था करने के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की बात कही है। समाज में आपसी सामंजस्य बने और आगे इस तरह की घटना न हो, इसके लिए भी प्रयास किया जाना जरूरी है। दलित परिवार के गांव जाने से पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कांग्रेस की ओर से की जा रही बयानबाजी के जवाब में कहा, कांग्रेस का काम अपोजिशन का है। उनको बोलते रहना है। उनको खुद मालूम है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दोनों घर बैठ कर आए थे, जहां झगड़ा हुआ वहां भी और जिनके घर घटना हुई, वहां भी। बाहर से आकर कोई भी आदमी क्या करेगा? परस्पर घटना हुई है। उस घटना की गंभीरता का एहसास हमको है।
वहीं बताया गया है कि शासन की ओर से मृतक राजेंद्र अहिरवार के परिवार को आठ लाख 25 हजार की राशि मंजूर की गई है। इसमें से पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आधी राशि बैंक खाते में जमा की जाएगी और शेष आधी राशि चालान प्रस्तुत होने के बाद दी जाएगी। ज्ञात हो कि बरोदिया नोनागिर गांव में लगभग एक साल की अवधि के दौरान एक ही परिवार के दो सदस्यों की हत्या हुई है। वहीं एक युवती की एंबुलेंस से गिरकर संदिग्ध हालत में मौत हुई है। इस मामले ने सियासी रंग ले लिया है। कांग्रेस के दो बड़े नेता राज्यसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पीड़ित परिवार से मुलाकात कर चुके हैं। वहीं बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पीड़ित परिवार के पास पहुंचे। इस दौरान राज्य सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह सहित कई अन्य लोग भी मौजूद थे।
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