एक संवैधानिक पद पर रहते हुए पडोसी मुल्क के पक्ष में जिंदाबाद के नारे लगाना किसी भी प्रकार से शोभनीय नहीं है। अपितु दंड के लायक है वो भी ऐसा पड़ोसी मुल्क जिसके साथ युद्ध भी कर चुके है और सीमा पर कभी भी नापाक हरकत कर देता है। ऐसे मुल्क के लिए जिंदाबाद के नारे लगाने वाले के लिए जो भी सजा मिले कम है। नेशनल कांफ्रेंस के सांसद मोहम्मद अकबर लोन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा जमा किया। जिसमे उन्होंने कहा मैंने हिंदुस्तान की अखंडता बनाए रखने की शपथ ली है।
मैं भारत का एक ज़िम्मेदार नागरिक
एफिडेविट में उन्होंने कहा "मैं भारत का एक ज़िम्मेदार नागरिक हूं। सांसद के रूप में ली गई शपथ को दोहराता हूं। मैंने भारत के संविधान को बनाए रखने और भारत की अखंडता को बनाए रखने की शपथ ली है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (4 सितंबर) को लोन से भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हुए और देश की संप्रभुता को बिना शर्त स्वीकार करते हुए एक हलफनामा दाखिल करने को कहा था।
370 को निरस्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाले प्रमुख याचिकाकर्ता
लोन ने 2018 में जम्मू कश्मीर विधानसभा में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाए थे जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। लोन, पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाले प्रमुख याचिकाकर्ता हैं।
केंद्र की तरफ से क्या कहा गया
केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा था कि केंद्र सरकार चाहती है कि लोन 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने के लिए माफी मांगें। उन्होंने कहा कि लोन को यह बताना होगा कि वह संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं।