NEET Result Controversy : नीट यूजी परीक्षा का रिजल्ट घोषित होते ही विवादों (NEET Result Controversy) से घिर गया। छात्रों ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर परिक्षा में त्रुटी और नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। बता दें कि छात्रों इसे लेकर उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की हैं। वहीं अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के अधिकारीयों ने प्रेस कांफ्रेंस की।
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नीट यूजी 2024 का रिजल्ट आने के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी विवादों (NEET Result Controversy) के घेरे में है। एजेंसी पर नतीजों में गड़बड़ी का आरोप लग रहा है। जिसे लेकर आज एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। यूपीएससी के पूर्व अध्यक्षों और शिक्षाविदों की समिति नीट में हुई गड़बड़ी की जांच करेगी। मामला केवल 6 केंद्रों और 1600 उम्मीदवारों तक सीमित है. 1563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क मिले, जिनमें से 790 क्वालीफाई हुए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि NEET परीक्षा में कथित गड़बड़ी केवल 6 सेंटर और 1600 उम्मीदवारों तक सीमित है। एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट की समीक्षा करने के लिए नई अपर लेवल (NEET Result Controversy) कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में UPSC के पूर्व अध्यक्ष और शिक्षाविद शामिल हैं। कमेटी एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उसके बाद परीक्षा के मामले में फैसला लिया जाएगा।
एनटीए ने नीट यूजी 2024 के पेपर लीक होने की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि परीक्षा मानकों के अनुसार हुई है। नीट परीक्षा में 1563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स मिले, जिनमें से 790 उम्मीदवारों ने ग्रेस मार्क्स की बदौलत परीक्षा पास की। बाकी उम्मीदवारों के अंक या तो नेगेटिव रहे या वे पास नहीं हो सके। ग्रेस मार्क्स का ओवरऑल परिणामों (NEET Result Controversy) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। ग्रेस मार्क्स उत्तर देने की क्षमता आदि के आधार पर अलग-अलग होते हैं। बता दें कि इस साल नीट यूजी परीक्षा में उम्मीदवारों ने उच्च अंक और कई टॉपर्स जैसे मुद्दे उठाए थे। एनटीए के डीजी ने बताया कि जैसा कि आंसर की को रिवाइज किया गया था, 44 छात्रों को 715 से 720 तक अंक मिले और टॉपर्स की संख्या भी बढ़कर 61 हो गई।
एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि करीब छह केंद्रों के 1,600 छात्रों को गलत प्रश्न पत्र दिए गए और दो से तीन छात्रों को OMR शीट फटी हुई मिली, जिसके कारण उन्हें परीक्षा देने में कम समय मिला। हमारे निर्देश हैं कि यदि परीक्षा देर से शुरू होती है, तो छात्रों को पूरा समय दिया जाना चाहिए, जैसा कि अधिकांश केंद्रों में हुआ है, लेकिन कुछ केंद्रों पर परीक्षा (NEET Result Controversy) इस तरह से आयोजित की गई कि छात्रों को पूरा टाइम नहीं मिल सका। प्रभावित छात्रों ने फिर से परीक्षा या कम्पेन्सेटरी मार्क्स देने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया। हमने उच्च न्यायालय को जवाब दिया कि हमने समय की कमी के मुद्दे को देखने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई। जिसकी रिकमेन्डेशन के आधार पर फैसला लिया गया।
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