एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर में अक्टूबर 2022 में आईएसआईएस से प्रेरित कार बम विस्फोट मामले में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया। एनआईए ने विज्ञप्ति में बताया कि अबू हनीफा, सरन मरियप्पन और पावस रहमान की गिरफ्तारी के साथ ही मामले में आतंकी वित्तपोषण के पहलू का पता चला है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की कुल संख्या 18 हो गई है और अब तक 14 आरोपियों के खिलाफ चेन्नई के पूनमल्ली स्थित एनआईए कोर्ट में चार आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं। एनआईए ने विज्ञप्ति में बताया, मामला आरसी-01/2022/एनआईए/सीएचई 23 अक्टूबर 2022 को कोयंबटूर के उक्कदम में ईश्वरन कोविल स्ट्रीट पर प्राचीन अरुलमिगु कोट्टई संगमेश्वर थिरुकोविल मंदिर के पास वाहन जनित आईईडी (वीबीआईईडी) विस्फोट से संबंधित
एनआईए ने विज्ञप्ति में बताया कि आतंकी हमला मृतक आरोपी जमीशा मुबीन ने किया था। जमीशा मुबीन एक स्वयंभू आईएसआईएस ऑपरेटिव और आत्मघाती हमलावर है। यह हमला काफिरों या इस्लाम को न मानने वालों के खिलाफ बदला लेने के लिए किया गया था। एजेंसी ने विज्ञप्ति में कहा, "एनआईए की जांच से पता चला है कि आज गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों ने आतंकी कृत्य के लिए धन मुहैया कराने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलीभगत की थी। अबू हनीफा कोवई अरबी कॉलेज में एक संकाय के रूप में कार्यरत था, जहां जमीशा मुबीन और अन्य गिरफ्तार आरोपी व्यक्ति आईएसआईएस विचारधारा में कट्टरपंथी बन गए। एनआईए के अनुसार, कोयंबटूर आतंकी हमले को अंजाम देने से पहले जमीशा मुबीन ने आईएसआईएस के तत्कालीन स्वयंभू खलीफा अबू-अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी को बयात देकर निष्ठा की शपथ ली थी। एनआईए ने विज्ञप्ति में कहा, कट्टरपंथ के संबंध में दर्ज एक अलग मामले में एनआईए ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।