साल 2020 से पूरा विश्व कोरोना महामारी के दर से जी रहा है कोविड- 19 के आने के बाद से ही लोगों के दैनिक क्रियाकलापों में काफी बदलाव आ गए। हर तरफ कोरोना का ही खौफ मचा हुआ था, भारत में भले ही कोरोना का भय लोगों के बीच कम हो गया हो लेकिन अभी भी कई ऐसे देश है जहां कोरोना महामारी की चपेट में आकर कई मासूम अपनी जान गवा रहे हैं। लेकिन अभी यह महामारी खत्म हुई ही नहीं थी कि भारत में एक और ऐसी बीमारी है जो लगातार फैलते ही जा रही है जी हां हम बात कर रहे हैं निपाह वायरस जिसके कारण दक्षिण भारत के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। जी हां इस वक्त दक्षिण भारत के केरल राज्य से निपाह वायरस को लेकर लगातार खबरें सामने आ रही है जो काफी एक डरा देने वाली है। यह बीमारी है सिर्फ लोगों के बीच फेल ही नहीं रही बल्कि उनका मौत के घाट भी उतार रही है। जब से बीमारी आई है तब से लोगों के बीच इसको लेकर कई सवाल पनप रहे हैं कि आखिरकार यह है क्या और इसके लक्षण क्या है क्या यह कोरोना की तरह ही घातक है? जी हां अगर आपके मन में भी कुछ ऐसे ही सवाल हैं तो आज हम आपके उन सभी सवालों का जवाब देने वाले हैं।
कब आया था पहली बार निपाह वायरस ?
अगर हमें निपाह वायरस के बारे में पूरी तरह से जाना है तो हमें इतिहास के पन्नों को पलटना होगा और मलेशिया के साथ-साथ सिंगापुर के उन घरेलू सुअरों के बारे में जाना होगा जिनकी वजह से यह बीमारी उत्पन्न हुई। साल 1998 और 1999 में मलेशिया और सिंगापुर के घरेलू सुअरों के अंदर यह वायरस पाया गया था। इतना ही नहीं बल्कि यह बीमारीकुत्तों, बिल्लियों, बकरियों और घोड़ों सहित घरेलू जानवरों की कई प्रजातियों मैं भी पाई जाती है।
भारत में पहली बार कब आया निपाह वायरस?
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार यह बीमारी भारत तक कैसे पहुंच गई? तो आपको बता दे कि भारत में सबसे पहले ये बीमारी बंगाल के सिलीगुड़ी में 2001 के दौरान आई थी। तब यह वायरस काफी धीरे-धीरे फैला था । उस समय ज्यादातर जानवरों के अंदर ही इसके लक्षण पाए जाते थे। बता दे कि उसे दौरान कम से कम 66 लोगों के अंदर यह संक्रमण पाया गया था, जहां 45 लोगों ने इस बीमारी के कारण अपनी जान गवा थी।
केरल में कब शुरू हुआ निपाह वायरस का संक्रमण?
केरल में ऐसा चौथी बार हुआ है जब किसी घातक बीमारी ने राज्य में दस्तक दी हो! साल 2018 के बाद ही चौथी बार है कि केरल वासियों को किसी भयानक संक्रामक का सामना करना पड़ रहा है। केरल में साल 2018 में पहली बार निपाह वायरस का फैलना शुरू हुआ था जब सरकार को इसके बारे में कोई भी अनुभव नहीं था की कोई ऐसी भी संक्रमित बीमारी हो सकती है जो मृत्यु दर को ही बढ़ा दे। तब सरकार के पास विदेशी वायरस से लड़ने के लिए कोई भी संसाधन मौजूद नहीं था तब इबोला वायरस के नियमों का पालन ही किया गया था जिसमें सामाजिक दूरी और रोकथाम का प्रयास किया गया था। केरल में निपाह वायरस के कारण ही कोरोनावायरस के परिणाम में काफी कमी देखने को मिली थी क्योंकि उसे वक्त लोगों के अंदर इन वायरसों से लड़ने की समझ हो गई थी।
कैसे फैलती है यह बीमारी ?
अगर आपके मन में यह सवाल है कि निपाह वायरस हवा से फैलता है तो आपको बता दे की हवा से फैलने वाला संक्रमण नहीं है। यह एक ऐसी जुनोटिक बीमारी है जो जानवरों से इंसानों के अंदर फैलती है। यह ज्यादातर चमगादड़,सूअर बकरी,कुत्ते, बिल्ली इत्यादि से फैलते हैं। यह virus इंफेक्टेड फल खाने से भी फैल सकता है। यदि किसी जानवर को यह बीमारी है और उसने किसी फल को खा लिया और इस फल को यदि इंसान खा लेता है तो उसे भी यह बीमारी हो सकती है। यह आसानी से फैलने वाली बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को जल्दी से जल्दी संक्रमित कर देता है।
क्या है निपाह वायरस के लक्षण?
यदि कोई व्यक्ति निपाह वायरस से ग्रसित है तो उसके अंदर निम्नलिखित लक्षण देखने को मिलेंगे।
- दिमाग में सूजन
- बुखार ,सिर दर्द, खांसी, जुकाम
- उल्टियां
- दौरे पड़ना
- कोमा में चले जाना
- पेट में दर्द
नोट: वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन द्वारा बताया गया है कि अभी इस बीमारी से निपटने के लिए कोई भी वैक्सीन मार्केट में उपलब्ध नहीं है।