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पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की तैनाती की मांग को लेकर शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ में एक याचिका दायर की गई। संदेशखाली बीते एक हफ्ते से स्थानीय महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बाद से उबाल पर है। महिलाएं शेख शाहजहां के करीबी सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।
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न्यायमूर्ति जयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति गौरांग कंठ की खंडपीठ ने संगजुक्ता सामंता की याचिका को स्वीकार कर लिया है। वह खुद कलकत्ता हाईकोर्ट की वकील हैं। मामले की सुनवाई 19 फरवरी को होगी। संदेशखाली में सीएपीएफ कर्मियों की तैनाती पर पहले पश्चिम बंगाल में भाजपा की राज्य इकाई ने सवाल उठाया था, जब से वहां तनाव बढ़ने लगा था।
भाजपा का दावा था कि सीएपीएफ की तैनाती के अभाव में प्रदर्शनकारी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती क्योंकि जिला पुलिस कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के आरोपियों को संरक्षण दे रही है। इस हफ्ते की शुरुआत में राज्यपाल आनंद बोस ने संदेशखाली का दौरा किया था तब पीड़ितों ने आरोपी व्यक्तियों की हरकतों के बारे में बताया था। 5 जनवरी को संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमले का आरोपी मास्टरमाइंड शाहजहां तब से फरार है।