राजनीतिक

Jagdeep Dhankhar: जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के नव निर्वाचित सदस्यों को किया संबोधित

Pannelal Gupta

Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद भवन में राज्यसभा के नव निर्वाचित एवं मनोनीत सदस्यों के लिए दो दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संसद की प्राथमिक भूमिका संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करना है।

Highlights

  • Jagdeep Dhankhar ने राज्यसभा के नव निर्वाचित सदस्यों को किया संबोधित
  • 'संसद की प्राथमिक भूमिका संविधान और लोकतंत्र की रक्षा है'
  • संसद अपनी प्रक्रिया और कार्यवाही के लिए सर्वोच्च है

Jagdeep Dhankhar ने राज्यसभा के नव निर्वाचित सदस्यों को किया संबोधित

उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़(Jagdeep Dhankhar) ने कहा कि संसद से बड़ा लोकतंत्र का संरक्षक कोई नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, यदि लोकतंत्र पर कोई संकट आता है, यदि लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला होता है, तो आपकी भूमिका निर्णायक होती है। धनखड़ ने स्पष्ट रूप से कहा कि संसद में चर्चा के लिए कोई भी विषय वर्जित नहीं है, बशर्ते उचित प्रक्रिया का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि सदन की प्रक्रिया के नियमों में निर्धारित उचित प्रक्रिया का पालन किए जाने पर अध्यक्ष के आचरण सहित किसी भी विषय पर चर्चा की जा सकती है।

'संसद अपनी प्रक्रिया और कार्यवाही के लिए सर्वोच्च है'

संसद की स्वायत्तता और अधिकार पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि संसद अपनी प्रक्रिया और कार्यवाही के लिए सर्वोच्च है। संसद में कोई भी कार्यवाही समीक्षा से परे है, चाहे वह कार्यपालिका हो या कोई अन्य प्राधिकारी। उन्होंने कहा कि संसद के अंदर जो कुछ भी होता है, उसमें अध्यक्ष के अलावा किसी को भी हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। यह कार्यपालिका या किसी अन्य संस्था का नहीं हो सकता।

जगदीप धनखड़ ने हिट एंड रन रणनीति पर गहरी चिंता व्यक्त की

धनखड़(Jagdeep Dhankhar) ने संसद में सदस्यों द्वारा अपनाई गई हिट एंड रन रणनीति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एक सदस्य संसद में बोलने से पहले मीडिया को बाइट देते हैं और फिर संसद में आते हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में कई सदस्य सिर्फ मीडिया और लाइमलाइट में बने रहने के लिए संसद में दूसरे सदस्यों की बात सुने बिना सदन से बाहर चले जाते हैं और फिर बाहर जाकर मीडिया को बाइट देते हैं।

उन्होंने सदस्यों के बारे में कहा कि मुद्दों पर बात करने के बजाय व्यक्तिगत हमले करने की प्रवृत्ति बढ़ गई है। कुछ लोगों को खुश करने के लिए चिल्लाने और नारे लगाने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा, इससे बड़ी विभाजनकारी गतिविधि कोई और नहीं हो सकती।

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