शुक्रवार को यह बैठक करीब 2 बजे तक चली और इसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। तीनों दलों ने पहले 240 सीटों पर सहमति बना ली थी, लेकिन शेष 48 सीटों के लिए चर्चा चल रही थी, जहां तालमेल चुनौतीपूर्ण था। सूत्रों ने संकेत दिया कि देर रात करीब चार घंटे तक चली बैठक में सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले और उम्मीदवारों की नियुक्ति पर सहमति बनी। जल्द ही आधिकारिक घोषणा की उम्मीद है, संभवतः गठबंधन द्वारा एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से।
इसके अतिरिक्त, पार्टियों ने सत्ता विरोधी मुद्दों को संबोधित करने के लिए सीटों की अदला-बदली करने पर सहमति व्यक्त की, जिससे उनके अभियानों के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण सुनिश्चित हो सके। इससे पहले 15 अक्टूबर को शिवसेना सांसद और एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से शिवसेना का संदेश हर वर्ग तक पहुंचाने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा, यह सिर्फ एक महीने काम करने की बात है, हम महाराष्ट्र में फिर से महायुति सरकार चाहते हैं। हमें सिर्फ लोगों के बीच जाकर उन्हें सरकारी योजनाओं से अवगत कराना है। आज राज्य में माहौल बहुत अच्छा है।
विपक्ष चाहे उन्हें कितना भी गाली दे, लेकिन लोगों में एकनाथ शिंदे के लिए बहुत प्यार है। जो लोग मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं, उन्हें लोगों की समस्याएं क्या पता होंगी। हमारी सरकार देने वाली सरकार है, लेने वाली नहीं। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों की हाल ही में घोषणा के बाद शुक्रवार को शिवसेना ने अपने पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने की जोरदार मांग की गई। यह कदम आगामी चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति का संकेत है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा लगभग 150-160 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि शिवसेना 75-85 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है और एनसीपी लगभग 48-55 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। गठबंधन जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीटों के बंटवारे की विस्तृत जानकारी का खुलासा करने वाला है।