Prajwal Revanna Case: कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बुधवार को कहा कि महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ एक अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के आधार पर उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के अनुरोध पर केंद्र की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र का कर्तव्य है कि वह राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर कानून के दायरे में मदद प्रदान करे।
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हासन के सांसद के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उनके राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा था।
गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा, ''अभी तक (केंद्र से) कोई जवाब नहीं आया है, केंद्र को भी हमारी मदद करनी चाहिए, हम यही आग्रह कर रहे हैं। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ''मुख्यमंत्री ने (प्रज्वल रेवन्ना का) राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन हमें इस संबंध में अभी कोई जवाब नहीं मिला है। अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और एसआईटी ने पत्र लिखकर आधिकारिक माध्यम से इसकी जानकारी दी है। उनके खिलाफ वारंट जारी होने के बाद उनका पासपोर्ट रद्द करना केंद्र सरकार का कर्तव्य है।''
उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार को हमारी मदद करनी होगी, यह रेवन्ना या प्रज्वल रेवन्ना का सवाल नहीं है, यह कानून का सवाल है। उन्हें सहयोग करना होगा। कानून की रक्षा करना केंद्र सरकार का भी कर्तव्य है और उन्हें यह समझना होगा। रेवन्ना (33) जद (एस) के संरक्षक एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पोते हैं और हासन लोकसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार हैं। रेवन्ना पर महिलाओं के साथ यौन शोषण के कई आरोप हैं। एक विशेष अदालत ने एसआईटी के आवेदन पर शनिवार को प्रज्वल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
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