राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की अपने पहले सौर खोज मिशन अंतरिक्ष यान आदित्य-एल1 को लैग्रेंज-एल1 बिंदु पर हेलो कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने पर सराहना की।
इसरो ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की – राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इसरो ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
उन्होंने कहा कि इसरो द्वारा हासिल की गई एक और बड़ी उपलब्धि, भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य एल1 के हिस्से के रूप में, वेधशाला को अंतिम कक्षा में स्थापित किया गया है और लैग्रेंज प्वाइंट 1 पर अपने गंतव्य पर पहुंच गया है।'' उन्होंने कहा कि इस महान उपलब्धि के लिए पूरे भारतीय वैज्ञानिक समुदाय को बधाई।''
राष्ट्रपति ने कहा कि यह मिशन सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़एगा और पूरी मानवता को लाभान्वित करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि इसरो मिशनों में महिला वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भागीदारी महिला सशक्तिकरण को भी नई ऊंचाई पर ले जाती है।
भारत ने एक और मील का पत्थर बनाया -प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोस्ट करके कहा कि भारत ने एक और मील का पत्थर बनाया।'' पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंच गई है। यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का एक प्रमाण है। मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं। हम मानवता की भलाई के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ना जारी रखेंगे।''