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राफेल सौदा : राहुल ने बयान पर फिर खेद जताया, केंद्र ने मांगा और समय

याचिकाओं पर सुनवाई का सवाल है, इस पर बाद में विस्तार से सुनवाई की जाएगी। राफेल मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है।

Desk Team

राफेल विमान मुद्दे पर पुनर्विचार याचिका मामले में केंद्र ने सोमवार को हलफनामा दाखिल करने के लिए अधिक समय मांगते हुए सुनवाई की तिथि आगे बढ़ने की अपील की जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हलफनामा दाखिल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'चौकीदार चोर है' बयान पर खेद व्यक्त करते हुए आपराधिक अवमानना याचिका खारिज करने की गुहार लगायी। श्री गांधी ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए राफेल मामले में अपने बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से दायर अवमानना याचिका के संदर्भ में नया हलफनामा दाखिल किया।

सुश्री लेखी ने कांग्रेस अध्यक्ष के उस बयान को लेकर शीर्ष न्यायालय में याचिका दाखिल की थी जिसमें श्री गांधी ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से भी साफ हो गया है कि 'चौकीदार चोर है'। श्री गांधी ने न्यायालय के समक्ष अपने बयान पर खेद जताया लेकिन दावा किया कि सुश्री लेखी अवमानना याचिका दायर कर राजनीतिक फायदा लेने का प्रयास कर रही थी। नये हलफनामे में श्री गांधी ने स्पष्ट किया कि उनका इरादा राजनीतिक लड़ई में न्यायालय को शामिल करने का नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा न्यायालय का निरादर करने की करने की भी नहीं थी। उन्होंने 'चौकीदार चोर है' के नारे को उच्चतम न्यायालय के मत्थे मढ़ने पर खेद व्यक्त करते हुए कहा,''मुझे अपने बयान पर खेद है और मेरा इरादा उच्चतम न्यायालय को राजनीतिक दायरे में लाने का नहीं था।

मैंने एक टिप्पणी कर गलती की है।'' उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिक्रिया राफेल मामले में आम धारणा पर आधारित थी। इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार (30 अप्रैल) को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ से हलफनामा दाखिल दाखिल करने के लिए और समय मांगा। केंद्र ने मामले की सुनवाई की तिथि बढ़ये जाने की भी अपील की।

न्यायालय ने केंद्र को हलफनामे के लिए और समय दे दिया लेकिन सुनवाई की तिथि बढ़ये जाने को लेकर कोई आदेश नहीं जारी किया। न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल को इस मामले में स्थगन के अनुरोध से संबंधित लेटर सर्कुलेट करने की इजाजत दे दी। उच्चतम न्यायालय ने 10 अप्रैल को कहा था कि जहां तक राफेल सौदे से जुड़े पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई का सवाल है, इस पर बाद में विस्तार से सुनवाई की जाएगी। राफेल मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है।