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Rahul Gandhi की संसदीय सीट को लेकर आज होगा फैसला, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल और सोनिया गांधी की होगी मीटिंग

Shubham Kumar

Rahul Gandhi : लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी असमंजस की स्थिति में हैं। गौरतलब है कि 4 जून को आये चुनावी नतीजे में राहुल गाँधी ( Rahul Gandhi ) को रायबरेली और वायनाड लोकसभा सीट पर जीत मिली थी।

इसके बाद से ही उनके किसी एक सीट को चुनने की स्थिति पैदा हो गयी। हालंकि इसके लिए उन्होंने पार्टी स्तर पर अब किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। बता दें कि इस पर अंतिम नतीजे में पहुँचने का केवल एक दिन का वक़्त बचा हुआ है। पार्टी सूत्रों के अनुसार आज राहुल गांधी के किसी एक सीट चुनने को लेकर आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खरगे और सोनिया गाँधी के बीच बैठक होगी।

Highlights:

  • राहुल गांधी के रायबरेली और वायनाड सीट को चुनने पर आज हो सकता है फैसला
  • राहुल गांधी, मल्लिकाअर्जुन खरगे और सोनिया गांधी भी बैठक में रहेंगे शामिल
  • नियमानुसार  केवल 14 दिन में छोड़ना होता है पद

राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) को रायबरेली और वायनाड में से किसी एक को चुनना होगा। राहुल गांधी कौन सी सीट रखेंगे और कौन सी छोड़ेंगे, इसे लेकर अब तक सस्पेंस है।
हालंकि यह पहली बार नहीं हुआ है जब नेताओं को चुनाव नतीजों के बाद जब दो सीटो पर जीत हाथ लगी हो और किसी एक सीट को ही चुनने को लेकर स्थिति उत्पन्न हुई हो। याद करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 के नतीजों के बाद जब वाराणसी और गुजरात के वडोदरा सीट से भी चुनाव में जीत मिली थी। इसके बाद उन्हें वडोदरा की सीट छोड़ दी थी।

Rahul Gandhi: क्या कहता है नियम ?

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 68 (1) के मुताबिक दो सीटों से चुनाव जीतने की स्थिति में संबंधित नेता को 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी होती है। बता दें कि 14 दिनों की गिनती ठीक चुनाव नतीजों के दिन से ही शुरू हो जाती है। नियमों के अनुसार दो सीट से निर्वाचित सांसद को 14 दिन के भीतर कोई एक सीट छोड़नी होती है। 4 जून को नतीजे आए थे। ऐसे में राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) को 18 जून तक रायबरेली या वायनाड में से किसी एक सीट की सदस्यता से अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर को देना होगा।

तय समय में नहीं दिया इस्तीफा तो क्या होगा ?

ऐसी स्थिति एक सवाल यह भी उठता है दो सीट से निर्वाचित किसी सदस्य ने अगर एक सीट की सदस्यता से 14 दिन की तय सीमा के भीतर इस्तीफा नहीं दिया तो क्या होगा? नियम यह कहता है कि अगर किसी सदस्य ने 14 दिन के भीतर एक सीट से सदस्यता नहीं छोड़ी तो दोनों सीटों से उसका निर्वाचन रद्द हो जाएगा और दोनों ही सीटें रिक्त मानी जाएंगी।

सोशल मीडिया राहुल गांधी जता चुकें हैं असमंजस ?

दोनों में से एक सीट को चुनने को लेकर राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने सोशल मीडिया पर अपना दुःख बता चुके हैं। बताया की दोनों सीट से एक कौन सा चुनु और उन्होंने दोनों सीट से अपना भावनात्मक जुड़ाव बताया और मतदाताओं के प्रति आभार भी जताया।

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