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केदारनाथ धाम में भारी बर्फ़बारी के चलते यात्रा रूकी, दो तीर्थयात्रियों की मौत

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Desk Team

केदारनाथ में कल रात से जारी बर्फ़बारी के चलते और निचले इलाकों में बारिश के मद्देनजर यात्रा को आज सुबह से रोक दिया गया। तापमान शून्य से भी नीचे पहुंच गया है। केदारनाथ धाम में पांच इंच मोटी बर्फ़ की चादर बिछ गई है और कड़ाके की ठंड की वजह से दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है।

मौसम विभाग आंधी, बारिश और बर्फ़बारी की चेतावनी के बाद रुद्रप्रयाग ज़िले के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई थी। इसके अलावा केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग में ही रोका जा रहा है। केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की आवाजाही एकतरफ़ा हो गई है। सिर्फ धाम से वापस आ सकते हैं यात्री।

सोमवार रात से जारी बर्फ़बारी की वजह से सोमवार रात एक तीर्थयात्री की मौत हो गई और कड़ाके की ठंड से एक महिला तीर्थयात्री की मौत मंगलवार सुबह हो गई। अब तक हो 6 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है।केदारनाथ में लगातार रुक-रुककर बर्फ़बारी हो रही है। पूर्व सीएम हरीश रावत भी केदारनाथ में फंस गए हैं। रावत जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में रुके हुए हैं और अभी उनका वहां से निकलना संभव नहीं लग रहा है।

 केदारनाथ के उपजिलाधिकारी उत्तम सिंह चौहान ने बताया कि कल रात से केदारनाथ क्षेत्र में जारी बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश के मद्देनजर यात्रा को आज सुबह से रोक दिया गया। चौहान ने बताया कि मौसम की खराब स्थिति को देखते हुए फिलहाल दो दिन तक तीर्थयात्रियों को केदारनाथ मंदिर की ओर रवाना नहीं किया जायेगा।

हालांकि, उन्होंने कहा कि कल मंदिर में दर्शन करने गये ज्यादातर श्रृद्धालु वापस नीचे आ गये हैं, जबकि करीब 200-250 यात्री केदारनाथ से लगभग चार किलोमीटर पहले लिनचौली में रुके हुए हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ की ओर जा रहे श्रृद्धालुओं को भी बीच रास्ते में ही लिनचौली में रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि दर्शन के लिये जा रहे कुल 130 तीर्थयात्रियों को लिनचौली में रोका गया है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ज्यादातर तीर्थयात्रियों को मंदिर के लिये पैदल यात्रा शुरू होने से पहले ही रोक लिया गया और उन्हें मौसम की स्थितियां सामान्य होने के बाद ही रवाना किया जायेगा। उधर, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तथा आसपास के इलाकों में भी कल रात से रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश होने की खबर है, लेकिन फिलहाल यात्रा जारी है।

चमोली के जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने बताया कि बद्रीनाथ में हल्की बारिश हो रही है, लेकिन फिलहाल स्थिति सामान्य हैं और यात्रा सुचारू रूप से चल रही है. उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री धाम तथा उसके निचले इलाकों में बारिश हो रही है, लेकिन वहां भी श्रृद्धालुओं का आवागमन जारी है। मौसम विभाग ने आज के अलावा 12 और 13 मई के लिये जारी अपने पूर्वानुमान में सामान्य तौर पर आसमान में बदली छाये रहने तथा रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिले में कई स्थानों पर गरज के साथ मध्यम वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है। उत्तराखंड सरकार तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और सभी ऐहतियाती कदम उठा रही है।

छह महीने के शीतकालीन अवकाश के बाद इस महीने की शुरुआत में चार धामों के कपाट श्रृद्धालुओं के लिये खुलने के साथ ही यात्रा का आरंभ हुई थी। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट जहां दो मई को अक्षय तृतीया के पर्व पर खोले गये थे, वहीं केदारनाथ मंदिर के पट चार मई को और बद्रीनाथ के पांच मई को खुले थे।

कल रात दिल्ली एनसीआर में धूल भरी आंधी आई, कई जगह बिजली गुल हो गई, पेड़ भी गिरे, हल्की बूंदाबांदी भी हुई। धूल भरी आंधी की वजह से सड़कों पर रोशनी कम हो गई. मौसम विभाग का कहना है कि आज दोपहर में तेज हवाएं और बारिश हो सकती हैं। राहत की बात ये रही कि इस तूफान के बाद किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई. दिल्ली और हरियाणा के बाद तूफान ने उत्तराखंड और हिमाचल की ओर रुख किया है। उत्तर भारत और देश के पूर्वी हिस्सों में रहने वाले आज सावधान रहें, क्योंकि आज भारी बारिश, आंधी और तूफान की आशंका है।

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