भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए 'कठघरे में कांग्रेस' नाम से 400 पन्नों की आरोप डायरी (चार्जशीट) जारी की है।
संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि 5 राज्यों में चुनाव है। हमेशा की तरह कांग्रेस झूठे वादों के ढोल पीट रही है। आज हम उन्हें आईना दिखाएंगे। मैं 400 पन्नों का यह आरोप बाइंडर लेकर जा रहा हूं। राहुल गांधी ने 316 वादे किए थे, जिन्हें कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ में पूरा नहीं किया है। पात्रा ने कहा, पीएम मोदी ने किसानों के लिए 6000 रुपये प्रति वर्ष पाने की किसान सम्मान निधि योजना शुरू की। छत्तीसगढ़ से लाखों किसान पंजीकृत हैं लेकिन उनका सत्यापन राज्य सरकार द्वारा नहीं किया गया है, इसलिए लाखों किसान वंचित हैं ।
कोविड महामारी के दौरान एकत्र किया गया उपकर कहां है?
उन्होंने आगे कहा, मोदी जी देना चाहते हैं और किसान लेना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस सुनिश्चित करती है कि पैसा उन तक न पहुंचे। यह घोटालों की सरकार है। पात्रा ने आगे कोविड के दौरान एकत्र किए गए सेस का जिक्र करते हुए छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के तहत हुए घोटालों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि कोविड महामारी के दौरान एकत्र किया गया उपकर कहां है?
संबित पात्रा ने कहा, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के तहत करोड़ों रुपये के घोटाले हुए हैं। राज्य में कांग्रेस सरकार के तहत खनन माफिया और अपराधियों को खुली छूट दी गई है। सीओवीआईडी के दौरान एकत्र किया गया उपकर कहां है? कांग्रेस के तहत कई बलात्कार मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने जनता तक नहीं पहुंच पाने वाली केंद्रीय योजनाओं का भी जिक्र किया।
मोदी जी ने नक्सलियों को खत्म करने के लिए क्या काम किया है
संबित पत्र ने कहा, पीएम आवास योजना के संबंध में बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि 16 लाख निवासी ऐसे हैं जिन्हें ठगेश सरकार ने इस योजना से वंचित कर दिया है। कांग्रेस नक्सलियों के साथ मिलकर काम कर रही है। आपको याद है कि मोदी जी ने नक्सलियों को खत्म करने के लिए क्या काम किया है।
पात्रा ने कहा, उन्होंने छत्तीसगढ़ में केंद्रीय योजनाओं को अवरुद्ध कर दिया। कांग्रेस धर्मांतरण विरोधी कानून के खिलाफ खड़ी थी। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों को धोखा दिया है। भाजपा द्वारा लाए गए धर्मांतरण विरोधी कानून का उद्देश्य समाज को नष्ट करना नहीं था। इसका उद्देश्य हमारे आदिवासी लोगों को संरक्षित करना था।