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हैदराबाद में उपद्रव की आशंका के चलते एक महीने के लिए धारा 144 लागू

हैदराबाद में शांति बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू, एक महीने तक रहेगा प्रतिबंध

Pannelal Gupta

Hyderabad: विभिन्न संगठनों या दलों द्वारा उपद्रव की आशंका के चलते हैदराबाद पुलिस ने एक महीने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अब पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने, जुलूस और रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पुलिस आयुक्त सी.वी. आनंद ने कहा कि पुलिस को विश्वसनीय जानकारी मिली है कि कई संगठन और दल धरना और विरोध प्रदर्शन का सहारा लेकर हैदराबाद शहर में शांति भंग करने के साथ व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।

सार्वजनिक शांति और व्यवस्था में गड़बड़ी होने की संभावना

आयुक्त द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया, हैदराबाद शहर में सार्वजनिक व्यवस्था, शांति और सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से, हैदराबाद शहर में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (पूर्व में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत) की धारा 163 के तहत पांच या अधिक व्यक्तियों के हर प्रकार के जमावड़े, जुलूस, धरना, रैलियां या सार्वजनिक बैठकों पर रोक है। किसी भी व्यक्ति/व्यक्तियों के समूह को कोई भाषण देने, इशारे करने या चित्र, कोई प्रतीक, तख्तियां, झंडे और इलेक्ट्रॉनिक रूप के किसी भी प्रकार के संदेश आदि प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं है। हैदराबाद और सिकंदराबाद की सीमाओं में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था में गड़बड़ी होने की संभावना के चलते यह कदम उठाया गया है।

केवल इन जगहों पर हो सकती शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन

हालांकि, शांतिपूर्ण धरना और विरोध प्रदर्शन केवल इंदिरा पार्क और धरना चौक पर ही किए जा सकते हैं। इसके बाद हैदराबाद और सिकंदराबाद में कहीं भी किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। कोई भी व्यक्ति अगर विशेषकर सचिवालय और अन्य संवेदनशील स्थानों के आसपास प्रतिबंध आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ उचित दंड प्रावधानों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। पुलिस अधिकारी (होमगार्ड और एसपीओ सहित), ड्यूटी पर तैनात सैन्यकर्मी, अंतिम संस्कार, शिक्षा विभाग फ्लाइंग स्क्वायड और सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत छूट प्राप्त व्यक्ति या समूह इस आदेश से मुक्त रहेंगे। यह आदेश 27 अक्टूबर को शाम 6 बजे से लागू हो गया है और 28 नवंबर को शाम 6 बजे तक लागू रहेगा।

योजना के विरोध में विपक्षी दलों द्वारा प्रदर्शन जारी

मुसी नदी के किनारे और बफर ज़ोन में घरों को गिराने की योजना के विरोध में विपक्षी दलों द्वारा जारी प्रदर्शनों और तेलंगाना राज्य पुलिस बल के बटालियन कांस्टेबलों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा बेहतर सेवा शर्तों की मांग को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं।

कांस्टेबलों की पत्नियों ने दो दिन पहले राज्य सचिवालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था। हाल ही में सिकंदराबाद में एक मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को लेकर शहर में हिंसक विरोध प्रदर्शन भी हुए। तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग की ग्रुप-1 परीक्षा के उम्मीदवारों के समर्थन में विपक्षी बीआरएस और भाजपा ने भी परीक्षा स्थगित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।