कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर जब दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटैन की कोर्ट में माना कि इस वैक्सीन के रेयर ऑफ द रेयरेस्ट साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जिसमें शरीर में खून के थक्के जमना और प्लेटेट काउंट्स गिरना या हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। उसके बाद भारत में भी इस वैक्सीन को लेकर बवाल मच गया।
अब सीरम इंस्टीट्यूट जिसने एस्ट्राजेनेका के साथ मिलके कोविशील्ड बनाई उसने भी इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स पर बयान दिया है, सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा है कि उनके सभी प्रोडक्ट पैकेजिंग में टीटीएस पर रेयर ऑफ द रेयरेस्ट साइड इफेक्ट्स का खुलासा पहले ही कर दिया गया था। साथ ही कंपनी ने कहा कि कोविशील्ड ने दुनियाभर में लोगों की जान बचाई है।
दरसल, सीरम इंस्टीट्यून ने बताया कि हमने साल 2021 में पैकेजिंग इंसर्ट में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस सहित कई साइड इफेक्ट्स का खुलासा कर दिया था। कंपनी ने साफ कहा कि कोरोना के न्यू वेरिएंट्स के म्यूटेशन के कारण दिसंबर साल 2021 से ही हम कोविशील्ड बनाना बंद कर दिया है।
बता दें कि एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटैन की एक कोर्ट में वैक्सीन और थ्रोम्बोसिस के बीच थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ संबंध को स्वीकार किया है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें असामान्य रूप से प्लेटलेट्स का लेवल नॉर्मल से कम होने लगता है और शरीर में खून के थक्के जमने लगता है।