(Input From IANS)
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हिमाचल : हमीरपुर जिले सहित अन्य स्थानों पर राशन डिपो के सर्वर ठप होने के कारण उपभोक्ताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में डिपो में रखे राशन के खराब होने का खतरा भी बढ़ गया है। प्रदेश में लगभग 19.5 लाख राशन कार्ड धारक हैं, जिन्हें इस तकनीकी समस्या के चलते राशन लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही. 5200 डिपो संचालक भी इस समस्या से जूझ रहे हैं।
Highlight :
रोजाना राशन लेने के लिए डिपो पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को सर्वर ठप होने के कारण बिना राशन के ही लौटना पड़ रहा है। सर्वर ना चलने के कारण डिपो संचालकों को भी लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। हमीरपुर की एक उपभोक्ता मीना कुमारी ने बताया कि वह लगातार डिपो पर राशन लेने के लिए पहुंच रही हैं लेकिन सर्वर खराब होने के चलते उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द सर्वर को ठीक किया जाए ताकि लोगों को समय पर राशन मिल सके।
हिमाचल प्रदेश डिपो संचालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कवि ने बताया कि सर्वर ना चलने की शिकायत विभाग और मुख्यमंत्री से की जा चुकी है, लेकिन समस्या अब भी जस की तस बनी हुई है। उन्होंने बताया कि डिपो संचालक निगम के गोदाम से अपना पैसा खर्च कर राशन लाते हैं, और इसकी बिक्री से मिलने वाला कमीशन भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है। इस समस्या का सीधा असर उनकी आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है। अशोक कवि ने बताया कि दो वर्ष पहले बैजनाथ में एक महिला ने डिपो संचालक की चप्पलों से पिटाई कर दी थी। वह बार-बार राशन लेने के लिए आ रही थी, लेकिन सर्वर खराब होने के चलते उसे राशन नहीं मिल पा रहा था। इस प्रकार की घटनाएं डिपो संचालकों के लिए और अधिक तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर रही हैं।
हमीरपुर के खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी अरविंद शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से डिपो के सर्वर में समस्या चल रही है, जिसके कारण राशन का वितरण सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग ने अब निर्णय लिया है कि जिन उपभोक्ताओं को जुलाई माह में राशन नहीं मिल पाया, उन्हें अगस्त माह में राशन वितरित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सर्वर ना चलने की समस्या को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है और जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा। अशोक कवि ने यह भी बताया कि कांगड़ा, चंबा, मंडी, और कुल्लू जैसे जिलों में सबसे ज्यादा समस्या हो रही है। वहां पर सरकार द्वारा निर्धारित चावल भी पूरे नहीं पहुंच पा रहे हैं। सरकार को इस पर जांच करनी चाहिए कि कमी कहां है और इसे जल्द से जल्द ठीक करना चाहिए।