कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की राहुल गांधी से मुलाकात के बाद सोमवार को तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया ताकि पायलट एवं उनके समर्थक विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों का निदान हो सके और मामले का उचित समाधान किया जा सके।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ''सचिन पायलट ने राहुल गांधी जी से मुलाकात की और उन्हें विस्तार से अपनी चिंताओं से अवगत कराया। दोंनों के बीच स्पष्ट, खुली और निर्णायक बातचीत हुई।'' उनके मुताबिक, पायलट ने कांग्रेस पार्टी और राजस्थान में कांग्रेस सरकार के हित में काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
वेणुगोपाल ने कहा, ''इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी पायलट एवं अन्य नाराज विधायकों की ओर से उठाए गए मुद्दों के निदान एवं उचित समाधान तक पहुंचने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन करेगी।''
इससे पहले आज पार्टी से बगावत करने वाले सचिन पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की है। विधानसभा सत्र से इस मुलाकात से कयास लगाए जा रहे है कि पायलट एक बार फिर कांग्रेस का रुख कर सकते है। बताया जा रहा है कि तीनों के बीच हुई ये मुलाकात सकारात्मक रही है।
पायलट के नरम रुख को देखते हुए उनकी कांग्रेस में वापसी की उम्मीद बढ़ने लगी है। इससे पहले जब पायलट अपने बगावती रुख पर अडिग थे तब कांग्रेस के कई अलाकमानों ने उनसे संपर्क साधने की कोशिश की थी लेकिन सभी की सभी कोशिश धरी रह गई।
वहीं जैसलमेर के रिसॉर्ट में रविवार देर रात हुई कांग्रेस विधायक दल और समर्थक दलों की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ''हम सब लोकतंत्र के योद्धा हैं। यह लड़ाई हम जीतने जा रहे हैं और साढे़ तीन साल के बाद चुनाव में भी जीतेंगे।''
उन्होंने विधायकों से कहा कि जिस तरह की एकजुटता अब तक दिखाई है उसी तरह की एकजुटता आपको सदन में भी दिखानी है। उन्होंने विधायकों से सदन में तैयारी के साथ जाने को कहा है और उसके बाद अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जन कल्याण कार्यो की एक सूची पेश करने को कहा है ताकि सरकार उन पर काम कर सके।