आध्यात्मिक गुरु आदिगलर के निधन पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और विभिन्न दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया। आध्यात्मिक गुरु का निधन गुरुवार शाम चेन्नई के एक अस्पताल में हुआ।
श्री नड्डा ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट में लिखा कि अधिपराशक्ति आध्यात्मिक आंदोलन के संस्थापक पद्मश्री बंगारू आदिगलर जी के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। नड्डा ने कहा, ''उनकी सादगी और मानवता की सेवा के प्रति समर्पण, जिसके लिए उन्हें प्यार से अम्मा कहा जाता था, को हमेशा याद किया जाएगा। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के सदस्यों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ईश्वर उन्हें इस दर्द को सहन करने की शक्ति दे। ओम शांति।''
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने अपने संदेश में कहा कि, ''अम्मा बंगारू आदिगलर के निधन पर गहरा दुख हुआ। एक पवित्र आत्मा और महान आध्यात्मिक शिक्षक। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक सुधारों में उनका योगदान हमें प्रेरित करता रहेगा। उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ओम शांति।'' इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने घोषणा किया कि बंगारू आदिगलर के पार्थिव शरीर का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री स्टालिन ने एक बयान में कहा, ''मेलमरुवाथुर आदिपराशक्ति के संस्थापक श्री बंगारू आदिगलर के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। बंगारू आदिगलर की सेवाओं को सम्मान देने के लिए उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।'' स्टालिन ने कहा कि बंगारू आदिगलर ने ही मेलमरुवाथुर के आदिपराशक्ति मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं को पूजा करने की अनुमति देने के क्रांतिकारी कदम उठाए थे। द्रमुक सरकार की सभी जातियों के अर्चक बनाने की अग्रणी योजना का उल्लेख करते हुए, स्टालिन ने कहा कि आदिगलर द्वारा महिलाओं को गर्भगृह में प्रवेश करने और पूजा करने में सक्षम बनाने के लिए शुरू की गई आध्यात्मिक क्रांति बहुत प्रशंसनीय है।