तेलंगाना उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कागजनगर पुलिस को हत्या और डकैती के प्रयास के मामले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण कुमार को तब तक गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया, जब तक अदालत उनकी प्राथमिकी रद्द करने की याचिका पर अपना आदेश नहीं सुना देती।
प्रवीण कुमार और उनके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज
कुमारम भीम आसिफाबाद जिले के कागजनगर कस्बे में बसपा और सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद सोमवार को प्रवीण कुमार और उनके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। प्रवीण कुमार ने याचिका दायर कर कागजनगर थाने में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का आदेश देने की मांग की है। उच्च न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिया कि प्रवीण कुमार को तब तक गिरफ्तार न किया जाए जब तक अदालत उनकी प्राथमिकी रद्द करने की याचिका पर अपना आदेश नहीं सुना देती। कागजनगर पुलिस ने प्रवीण कुमार, उनके बेटे, जो दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीएचडी कर रहे हैं, और पार्टी के 11 सदस्यों के खिलाफ हत्या के प्रयास (307 आईपीसी) और डकैती (395) का मामला दर्ज किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बुधवार रात सिरपुर विधायक प्रत्याशी कोनेरू कोनप्पा के इशारे पर यह मामला दर्ज किया गया। सिरपुर-कागजनगर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा उम्मीदवार प्रवीण कुमार ने कहा, शिकायतकर्ता, जो विधायक के प्रचार वाहन का ड्राइवर है, ने आरोप लगाया है कि मैंने उसके 25 हजार रुपये चुराए हैं। अगर 26 साल की बेदाग सेवा वाले सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी के साथ ऐसा हो सकता है, तो कल्पना करें कि कोनप्पा के शासन के तहत पिछले दो दशकों में सिरपुर-कागजनगर के लोगों पर क्या बीत रही होगी।
बीआरएस और बसपा समर्थकों के बीच झड़प से तनाव
कागजनगर में रविवार रात बीआरएस और बसपा समर्थकों के बीच झड़प से तनाव फैल गया। झड़प उस समय हुई जब एक चुनावी बैठक, जिसे प्रवीण कुमार संबोधित कर रहे थे, को सत्तारूढ़ दल के समर्थकों ने कथित तौर पर बाधित कर दिया। बसपा नेता ने आरोप लगाया कि बीआरएस का एक प्रचार वाहन अत्यधिक तेज आवाज में संगीत बजाता हुआ उनकी जनसभा स्थल के पास पहुंचा। इस पर बसपा नेताओं ने आपत्ति जताई। इसी बात को लेकर दोनों गुटों में झड़प हो गई। पुलिस ने झड़प कर रहे समूहों को तितर-बितर करने के लिए हस्तक्षेप किया। प्रवीण कुमार ने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कागजनगर थाने के सामने धरना दिया। प्रवीण कुमार ने राजनीति में आने के लिए 2021 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। वह बसपा में शामिल हो गए और उसके प्रदेश अध्यक्ष बन गए।