केरल में निपाह वायरस से दहशत का माहौल है। अब तक यह वायरस कई देशों में अपना प्रकोप फैला रहा है। वही, इसकी पहचान पहली बार 1999 में हुई थी। यह वायरस अब तक 5 देशों – मलेशिया, सिंगापुर, बांग्लादेश, फिलीपींस और भारत में रिपोर्ट किया गया है। साथ ही इसके इतिहास पर नजर डालें तो 2018 के बाद से यह वायरस चौथी बार केरल में सामने आया है।
पिछले 5 साल में चौथी बार केरल में दी दस्तक
पिछले 5 साल में चौथी बार है जब इसने केरल में दस्तक दी है। इसके इतिहास पर नजर डालें तो साल 2018 के बाद से यह वायरस केरल में चौथी बार सामने आया है। उस वक्त निपाह वायरस से 23 लोग संक्रमित हुए थे, जिनमें से 21 लोगों की जान चली गई। वही साल 2019 और साल 2021 में निपाह का हल्का प्रकोप देखा गया, जिसमें दो मौतें हुईं।
केरल सरकार ने कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थान 24 सितंबर तक बंद रहने की घोषणा की
वही इसको लेकर केरल सरकार ने निपाह वायरस संक्रमण को देखते हुए कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थान 24 सितंबर तक बंद रहने की घोषणा की है। इसमें स्कूल, कॉलेज और ट्यूशन सेंटर शामिल भी हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि अगले पूरे सप्ताह ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी।
संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए 1,080 लोगों की पहचान की गई
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज का कहना है कि संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए 1,080 लोगों की पहचान की गई है। सिर्फ शुक्रवार को 130 लोगों को ट्रैक किया गया। संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों में 327 स्वास्थ्यकर्मी हैं।
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के कार्यालय ने बताया कि 39 वर्ष के शख्स के नमूने में निपाह वायरस से संक्रमण की तस्दीक हुई है। वह एक अस्पताल में निगरानी में है। शख्स एक संक्रमित मरीज के सीधे संपर्क में आया था जिसकी 30 अगस्त को संक्रमण से मौत हो गई थी।
WHO और ICMR के अध्ययन से पता चला है कि पूरा प्रदेश इस तरह के वायरस की चपेट में होने की आशंका
वही ,नए मामले के साथ ही कोझिकोड में निपाह वायरस के कुल मामलों की संख्या 6 हो गई है। मरीजों की संख्या बढ़ने के वजह से प्रदेश सरकार ने उन सभी लोगों की जांच का फैसला किया जो संक्रमित शख्स के संपर्क में आए हैं। WHO और ICMR के अध्ययन से पता चला है कि सिर्फ कोझिकोड ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश इस तरह के वायरस की चपेट में है।
पर्यटन को काफी नुकसान पहुंचने की आशंका
वही ,केरल में निपाह वायरस का प्रकोप फैलने के चलते पर्यटन को काफी नुकसान पहुंचने की आशंका है। लोग प्रभावित इलाकों में आने से कतरा रहे हैं और आखिरी वक्त में अपनी योजनाएं रद्द कर रहे हैं और यात्रा रोकने का सिलसिला करीब 30 फीसदी तक पहुंच गया है। आपको बता दे कि अगर यह स्थिति और अधिक खराब हुई और दूसरे देशों ने यात्रा पर प्रतिबंध लगाए या वीजा नियमों में सख्ती की तो राज्य पर ज्यादा असर पड़ेगा क्योंकि केरल के करीब 40 लाख भारत के बाहर रहते हैं।
जानिए ! क्या है निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस एक ज़ूनोटिक बीमारी है। जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। आपको बता दे यह विशेषकर चमगादड़ों से फैलता है। वही खबरों की माने तो बताया जा रहा है कि चमगादड़ों के अलावा यह सूअर, बकरी, घोड़े, कुत्ते और बिल्लियों से भी फैल सकता है। सबसे विशेष बात यह है कि यह हवा से नहीं फैलता है बल्कि किसी वस्तु या ईंधन वाली बूंदों से फैल सकता है।
वही, निपाह वायरस के संक्रमण के बाद शरीर में इस तरह की समस्या सामने आ सकती है। जैसे दिमाग में सूजन और एन्सेफलाइटिस जैसी खतरनाक बीमारियाँ भी हो सकती हैं। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकते हैं। साथ ही गंभीर उल्टी भी हो सकती है। इसके गंभीर लक्षणों में पेट दर्द, कोमा में चले जाना ,दौरे पड़ना शामिल हैं।