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UGC : अभिभावकों की टेंशन दूर, अब पढ़ाई के साथ कमाई भी करेंगे छात्र

Desk News

UGC : छात्रों को शसक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की विशेषज्ञ समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) 2020 के तहत सामाजिक-आर्थिक वंचित वर्ग (SEDG) के युवाओं को समान मौके देने के लिए दिशानिर्देश तय किए हैं। अब गरीब व पिछड़े वर्गों के छात्र कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार भी मिलेगा जिससे वो कमाई भी करेंगे।

Highlights

  • पढ़ाई के साथ कमाई भी करेंगे छात्र
  • समान मौके देने के लिए दिशानिर्देश तय
  • छात्रों में आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ेगी
  • पहली पीढ़ी के शिक्षित वर्गों को सशक्त बनाने की तैयारी

UGC ने छात्रों के हित में उठाया नया कदम

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने बताया कि राज्यों और विश्वविद्यालयों को एसईडीजी के दिशानिर्देश भेजे गए हैं। जिससे उच्च शिक्षण संस्थानों और कॉलेजों में एसईडीजी प्रकोष्ठ खोले जाएंगे। इसमें कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को पढ़ाई के दौरान ही रोजगार या फिर अपना काम शुरू करने के लिए सशक्त बनाया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सामाजिक-आर्थिक वंचित वर्ग के युवाओं को समान मौके देने के लिए दिशानिर्देश तय किए हैं। जिसमें कॉलेज सीईडीजी के तहत अपनी गाइडलाइन भी तैयार कर सकते हैं।

प्रकोष्ठ से छात्रों को होगी ये सहूलियत

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यह प्रकोष्ठ (UGC) का उदेश्य छात्रों की दिक्कतों, अधिकारों और आगे बढ़ने में मदद करना है। इसके साथ सभी शिक्षकों को प्राकोष्ठ और उसके काम के प्रति जागरूक किया जाएगा जिससे छात्रों को दाखिला प्रक्रिया में आसानी हो सके। दाखिले के बाद उनकी भाषा विशेषकर अंग्रेजी और अन्य विषय से संबंधित दिक्कतों को ब्रिज कोर्स के माध्यम से दूर किया जाएगा। यह ब्रिज कोर्स स्थानीय भारतीय भाषा में करवाए जाएंगे, ताकि छात्र अच्छे से समझ सके। इसके अलावा छात्र की क्षमता और पसंद के आधार पर रोजगार या अपना कामधंधा शुरू करने के लिए कोर्स भी करवाए जाएंगे। इनमें ऑनलाइन कोर्स भी शामिल होंगे।

योजना में इन राज्यों का पर विशेष ध्यान

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इस योजना (UGC) के अंतर्गत लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, सीमा क्षेत्र, नॉर्थ-ईस्ट, ग्रामीण व दूरदराज के गांव व कस्बे, आदिवासी क्षेत्र, आंकाक्षी जिले, भूकंप व बाढ़ ग्रस्त इलाके को मुख्य रूप से प्राथमिकता दी जायेगी।

योजना से इन विद्यार्थियों को मिलेगा बढ़ावा

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दिव्यांगजनों की श्रेणी में 40 फीसदी से अधिक वाले दिव्यांगजन और शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक दिव्यांगजन के अलावा बीपीएल, प्रवासी समुदाय, खानाबदोश जनजाति, बाल भिखारी, असुरिक्षत स्थितियों में रहने वाले छात्रों समेत मानव तस्करी में शामिल परिजनों के बच्चों, कोरोना में माता-पिता खोने वाले छात्रों को आगे लाने पर काम होगा। इसके अलावा (UGC) महिला, ट्रांसजेंडर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ईडब्ल्यूएस, नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी, अल्पसंख्यक, क्षेत्रीय भाषा माध्यम स्कूल, पहली पीढ़ी के शिक्षित वर्गों को सशक्त बनाने की तैयारी की जा रही है।

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