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Uttarakhand: जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (DDMO) नंदन सिंह रजवार के नेतृत्व में डॉग स्क्वॉड ने सोमवार को रुद्रप्रयाग के रामबाड़ा से भीमबली क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया। इसके अलावा, सुरक्षा बलों की निगरानी में सोमवार को केदारनाथ धाम से 100 लोगों को लिनचोली हेलीपैड भेजा गया। यात्रियों को एयरलिफ्ट कर शेरसी हेलीपैड भेजा गया।
एनडीआरएफ की टीमें फंसे लोगों की तलाश के लिए मंदाकिनी नदी और उसके आसपास के जंगलों में लगातार तलाशी अभियान चला रही हैं। इस बीच, रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने भी सोमवार को पुष्टि की कि श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर बचाव और तलाशी अभियान पांचवें दिन भी जारी रहा। अधिकारियों के अनुसार, खोजी कुत्तों की मदद से लिनचोली से रामबाड़ा तक रविवार देर शाम तक तलाशी अभियान चलाया गया और कोई व्यक्ति नहीं मिला।
इससे पहले 3 अगस्त को उत्तराखंड आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने शनिवार को बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर विभिन्न इलाकों में फंसे कुल 9,099 लोगों को अब तक बचाया जा चुका है। सचिव के मुताबिक 31 जुलाई को भारी बारिश के कारण केदारनाथ और केदारनाथ मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर चल रहा है। 2 अगस्त तक कुल 7234 यात्रियों को बचाया गया। वहीं, 3 अगस्त को 1865 यात्रियों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। 3 अगस्त तक कुल 9099 यात्रियों को बचाया जा चुका है। सोमवार को केदार घाटी में मौसम साफ होते ही एमआई 17 और चिनूक हेलीकॉप्टरों से एयरलिफ्ट रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया। एमआई 17 यात्रियों को चारधाम हेलीपैड पर उतार रहा है, जबकि चिनूक यात्रियों को गौचर हवाई पट्टी पर उतारेगा। आज सुबह तक एमआई, चिनूक और छोटे हेलीकॉप्टरों की मदद से केदारनाथ से 133 लोगों को सुरक्षित एयरलिफ्ट कर बचाया जा चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है।
विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 3 अगस्त को केदारनाथ से 43 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया। लिनचौली और भीमबली से कुल 495 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया। वहीं, भीमबली-लिनचौली से 90 यात्री पैदल चलकर चौमासी-कालीमठ तक सुरक्षित पहुंचे।
(Input From ANI)