Waqf Board Bill: नरेंद्र मोदी सरकार आज लोकसभा में वक्फ बोर्ड बिल पेश कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक सरकार कल ही इस बिल को पेश करने जा रही है। बताया जा रहा है कि सरकार चाहती है कि इस बिल में सभी दलों को साथ लिया जाए। मोदी सरकार के लिए अगस्त बड़े फैसलों वाला महीना रहा है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाना हो या फिर अयोध्या में राम मंदिर बनवाना हो। मोदी सरकार ने ये दोनों बड़े फैसले इसी अगस्त महीने में किए है। अब मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में भी ये रिकॉर्ड बरकरार रखते हुए वक्फ बोर्ड में बदलाव करने जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार की प्राथमिकता इस बिल को आम सहमति से सदन में पारित कराकर गरीब मुस्लिम, मुस्लिम महिला और अनाथ मुस्लिमों को न्याय दिलाना है। अगर सदन में इस बिल पर आम सहमति नहीं बनी तो सरकार इस बिल को और ज्यादा चर्चा के लिए किसी संयुक्त समिति को भी भेज सकती है।
पुराने बिल को राज्यसभा से लिया जाएगा वापस
गुरुवार को पुराने वक्फ बिल 2014 को राज्यसभा से वापस लिया जाएगा। इसमें 2014 में राज्यसभा में संशोधित किया गया था। इसके साथ ही अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू नए वक्फ संशोधन बिल को दोपहर 1 बजे लोकसभा में पेश करेंगे। इससे पहले ही कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और AIMIM ने मुस्लिम वोटबैंक के लिए विरोध शुरू कर दिया है। इस संशोधन के होने से वक्फ बोर्ड की मनमानी पर नकेल कसी जा सकेगी। किसी भी जमीन को वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले उसका वेरिफिकेशन करना जरूरी हो जाएगा। मजिस्ट्रेट की निगरानी में संपत्ति की जांच होगी।
होंगे ये बदलाव
मोदी सरकार 1923 के वक्फ कानून को नए संशोधनों के साथ समाप्त करने की योजना बना रही है। 1995 के वक्फ एक्ट में 44 संशोधन किए जाएंगे, जिनके तहत वक्फ बोर्ड के नाम और संरचना में बदलाव किया जाएगा, ताकि वक्फ बोर्ड के मनमाने दावों को रोका जा सके। वक्फ बोर्ड को अपनी विशाल संपत्ति से होने वाली आय की जानकारी भी देनी होगी। संशोधनों के बाद, वक्फ बोर्ड सरकारी संपत्तियों पर कब्जा नहीं कर सकेगा और रजिस्टर्ड संपत्तियों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। इन बदलावों के खिलाफ मुसलमान सांसद एकजुट हो गए हैं और मिल्ली काउंसिल के साथ बैठक की है। इस बैठक में AIMIM के ओवैसी, सपा के जियाउर्रहमान बर्क, कांग्रेस के तारिक अनवर, इमरान प्रतापगढ़ी और TMC के सांसद यूसुफ पठान शामिल हुए।