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हमने संविधान की हत्या का झेला दंश, केंद्र का स्वागत योग्य फैसला : जीतन राम मांझी

Desk News

केंद्र सरकार ने 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित करने के बाद केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हमने संविधान की हत्या होने का दंश झेला है। उन्होंने कहा कि उस दौरान आम लोगों की क्या बात करें, प्रेस भी स्वतंत्र नहीं था। ऐसे में अब समय आ गया है कि जनता को बताया जाए कि उस समय की क्या स्थिति थी? अब सुनिश्चित करवाया जाए कि ऐसा वाकया दोबारा दोहराया नहीं जाएगा। विशेष राज्य के दर्जा पर बोलते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि जब नीति आयोग ने यह तय कर रखा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा और ऐसी स्थिति में जब हम विशेष राज्य के दर्जा की बात करते हैं तो यह उचित नहीं है।

  • केंद्र ने 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित किया है
  • जीतन राम मांझी ने केंद्र के इस फैसले का स्वागत किया है
  • उन्होंने कहा हमने संविधान की हत्या होने का दंश झेला है

पुल गिरने के तेजस्वी यादव के पोस्ट पर दी प्रतिक्रिया

उन्होंने कहा कि बिहार काफी गरीब प्रदेश है और इसे धन की काफी आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार गरीब प्रदेश को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। केंद्र सरकार को जो भी संभव सहायता की आवश्यकता महसूस होगी, वह जरूर करेंगे। पुल गिरने को लेकर तेजस्वी यादव के सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी को बोलने का कोई अधिकार नहीं है। भ्रष्टाचार की उपज खुद तेजस्वी हैं। हम 1980 से विधायक रहे हैं। बिहार की क्या स्थिति उनके राज में थी, यह हम जानते हैं। तेजस्वी यादव थेथरोलॉजी करते हैं और थेथरोलॉजी पर ही विश्वास करते हैं।

25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित

केंद्र सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का फैसला लिया है। हर साल 25 जून को देश उन लोगों के महान योगदान को याद करेगा, जिन्होंने 1975 के इमरजेंसी के अमानवीय दर्द को सहन किया था।25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने को लेकर भारत सरकार की ओर से एक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। नोटिफिकेशन में लिखा गया है, 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी। उस समय की सरकार ने सत्ता का घोर दुरुपयोग किया था और भारत के लोगों पर ज्यादतियां और अत्याचार किए थे। भारत के लोगों को देश के संविधान और भारत के मजबूत लोकतंत्र पर दृढ़ विश्वास है। इसलिए, भारत सरकार ने आपातकाल की अवधि के दौरान सत्ता के घोर दुरुपयोग का सामना और संघर्ष करने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित किया है और भारत के लोगों को भविष्य में किसी भी तरह से सत्ता के घोर दुरुपयोग का समर्थन नहीं करने के लिए पुनः प्रतिबद्ध किया है।

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